Raipur News: हर समाज में शादी के दौरान अलग-अलग तरह की रस्में निभाई जाती है लेकिन आज हम आपको छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ जिले में रहने वाले सपेरे समुदाय में शादी की एकदम अलग और अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएगा. हमारे यहां शादियों में अक्सर दुल्हन के पिता की तरफ से कई तरह के तोहफे शादी में दिए जाते हैं. लेकिन इस समुदाय में भले ही आप कीमती से कीमती तोहफा दें लेकिन बिना सांपों के इनकी शादी पूरी नहीं होती. इस समुदाय में बेटी की शादी में पिता को 12 जहरीले सांप देने जरूरी होते हैं.
सपेरे समुदाय की अनोखी परंपरा
छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के बरमकेला तहसील से 6 किलोमीटर दूर भीखमपुरा गांव में एक सपेरों की बस्ती है. यहां पिछले कई दशकों से करीब 200 से 250 सपेरे रहते हैं. ये सपेरे अक्सर आस पास के गांव में निकलने वाले सांपों को पकड़ने जाते हैं. सांप पकड़ने का काम इनके पूर्वजों के समय से ही चला आ रहा है. इन सपेरों को कहना है कि यही उनका काम है. ये गांव-गांव सांप पकड़ने जाते हैं जिसके बदले में इन्हें खाने के लिए कुछ सामान और पैसे मिल जाते हैं. इसके अलावा ये लोग किसानों के खेतों में मजदूरी करके भी पैसा कमाते हैं.
बेटी की शादी में देते हैं 12 जहरीले सांप
इस समुदाय में शादी की परंपरा एकदम अनोखी और अलग है. इनकी शादियों में दहेज का लेना-देना नहीं चलता. लेकिन एक ऐसी परंपरा है जो बहुत ज्यादा जरूरी होती है. यहां पर बेटी की शादी में पिता को कम से कम 12 सांप देना जरूरी होता है. इन्हीं सांपों के साथ नवदंपति नए जीवन की शुरुआत करते हैं. बस्ती के बुजुर्ग पीला बाई ने बताया कि शादी में 12 सांप नहीं देने पर शादी नहीं होती है. शादी के मंडप में सबसे पहले सांप लाया जाता है. इसके बाद ही बाकी रस्मों को निभाया जाता है. उन्होंने कहा कि ये परंपरा हमारे पूर्वजों के समय से चली आ रही है.
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