Surguja News: सरगुजा जिले के बतौली थाना क्षेत्र में करीब चार दिन पहले पीएम आवास हितग्राही एक वृद्धा को जीओटेकिंग के नाम पर झांसा देकर 10 हजार रुपये की ठगी की वारदात अंजाम दिया गया था. इस मामले में सरगुजा पुलिस को कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. आरोपी खुद को शासकीय योजनाओं का अधिकारी बताते थे. ठगों ने इससे पहले सरगुजा संभाग के अलावा धनबाद, रांची, गुमला, बोकारो में घूम-घूम कर 150 से अधिक लोगों को 30 लाख रुपये का चूना लगा चुके हैं.
इस मामले का खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा पुपलेश कुमार ने बताया कि बतौली के ग्राम सुवारपारा की रहने वाली पीएम आवास योजना की एक वृद्धा हितग्राही के पास चार दिन पहले मोटरसाइकिल से दो युवक पहुंचे थे. उन्होंने खुद को पीएम आवास योजना का अधिकारी बताते हुए वृद्धा को झांसा दिया था कि वे जीओटेकिंग के लिए आए हुए है. उनके पास लैपटाप भी था. आरोपियों ने वृद्धा से कहा कि पीएम आवास योजना से मिली करित की राशि अगर बची हुई हो तो आधार कार्ड के साथ उसे लेकर आए. वृद्धा ठगों के झांसे में आकर आधार कार्ड और 10 हजार रुपये ले आई. दोनों बदमाशों ने वृद्धा को कुर्सी पर बैठा कर फोटो खींची और उसके बाद आधार कार्ड वापस कर दिया.
पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज
इस दौरान ठगों ने 10 हजार रुपये अपने पास रखते हुए कहा कि यह राशि बैंक से मिल जाएगी. इसके बाद दोनों ठग बाइक पर बैठ फरार हो गए. वृद्धा ने जब इस घटना की जानकारी परिवार के अन्य सदस्यों को बताया, तब उनके साथ हुई ठगी का खुलासा हुआ. परिजनों ने इसकी सूचना फौरन पुलिस को दी. इसी तरह बतौली थाना क्षेत्र में भी ठगी हुई थी. पुलिस ने एक दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो उसमें बाइक सवार दोनों बदमाश नजर आए थे. आरोपियों के खिलाफ रघुनाथपुर में तिलक केरकेट्टा निवासी पहाड़पारा से 25 हजार रुपये की ठगी और बतौली पुलिस ने प्रार्थी केलाजो कुजुर निवासी सुवारपारा की शिकायत पर धारा 420, 34, के तहत मामला दर्ज किया था. आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया.
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माणाधीन मकान में जाकर खुद को आवास योजना का पर्यवेक्षण अधिकारी बताते थे. आरोपी पीड़ितों से मकान निर्माण कार्य में अनियमितता और देरी से निर्माण का हवाला देते हुए उनसे 20 से 30 हजार रुपये की ठगी कर लेते थे. ठगी के दौरान विश्वास दिलाने के लिए वे ग्रामीणों के हाथ में नकदी रकम के साथ अपने पास रखे टैबलेट से उनकी फोटो भी लेते थे. ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद वह मोटरसाइकिल से फरार हो जाते थे. आरोपी जहां जाते थे वहां होटल में रुकते थे और कुछ दिनों तक वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरे शहर की ओर निकल पड़ते थे.
पुलिस ने आरोपियों के खाते कराए फ्रीज
एडिशनल एसपी पुपलेश कुमार ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से नगद 24000 रुपये बरामद किया गया है. इसके अलावा अभियुक्तों ने बैंक खातों में करीब 60,000 रुपये धोखाधड़ी की राशि जमा करने की बात स्वीकार की है. आरोपियों के बैंक खातों में जमा राशि के लिए संबंधित बैंक से संपर्क कर फ्रीज कराने के लिए पत्राचार किया गया है. इसके अलावा आरोपियों के कब्जे से 24000 रुपये नकद, दो मोटरसाइकिल, तीन नग मोबाईल, एक नग टैबलेट, कंप्यूटर दो नग और एटीएम कार्ड जब्त किया है.
अम्बिकापुर में पुलिस ने तीन ठगों को दबोचा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुपलेश कुमार ने बताया कि अंबिकापुर के गंगापुर में चगैर नंबर की दो मोटरसाइकिल पर तीन युवक संदिग्ध परिस्थितियों में घूम रहे थे. जिन्हें पुलिस ने रोक पूछताछ की, तो वे गोलमोल जवाब देने लगे. संदेह होने पर पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की, तो उन्होंने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली. पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के रहने वाले रोहित तिवारी (25 वर्ष), यूपी बलिया के रहने वाले कृष्णा कुमार पांडेय (35 वर्ष) और गौतम पाण्डेय (30 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है.
ये भी पढ़ें: