Raipur: यूपीएससी के इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जामिनेशन का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. इसमें छत्तीसगढ़ के हर्षित मेहर ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए राज्य का नाम रोशन किया है. हर्षित मेहर ने कड़ी मेहनत से देशभर में पांचवा स्थान हासिल किया. हर्षित को अपने चौथे प्रयास में यह सफलता मिली है. वे इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद से तैयारी कर रहे थे.
यूपीएससी के इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का मंगलवार को रिजल्ट जारी हो गया है. इसमें छत्तीसगढ़ के हर्षित मेहर ने कमाल कर दिया है. रायपुर के रहने वाले हर्षित ने ऑल इंडिया में 5वां स्थान प्राप्त किया है. इससे हर्षित के परिवार में जश्न का माहौल है. हर्षित ने अपने चौथे प्रयास में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जामिनेशन में सफलता हासिल किया है. हर्षित ने अपनी सफलता की कहानी एबीपी न्यूज के साथ शेयर की है.
तीसरे मौके पर इंटव्यू तक पहुंचे थे हर्षित
दरअसल हर्षित को सफलता आसानी से नहीं मिली है. वे 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस मुकाम पर पहुंचे हैं. शुरुआत में हर्षित ने सिविल सर्विस की तैयारी की जिसमें शुरुआत के 2 प्रयास में असफलता हाथ लगी. इससे हर्षित निराश हो गए थे. लेकिन परिवार ने हर्षित को स्पोर्ट किया. इसके बाद तीसरे मौके पर ऑप्शनल चेंज किया और फिर तैयारी शुरू कर दी जिसमें उन्होंने कड़ी मेहनत की और तीसरे मौके पर इंटव्यू तक पहुंचे लेकिन रैंक नहीं मिला इसके बाद चौथे मौके पर हर्षित ने देशभर में 5वां स्थान हासिल किया.
एग्जाम क्रैक करने के लिए बनाई थी ये स्ट्रेटजी
हर्षित मेहर मूलतः रायगढ़ जिले के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में रायपुर में रहते हैं. इनके पिता डीके मेहर राज्य के फॉरेस्ट सर्विस में हैं. उनके मार्गदर्शन में हर्षित को मदद मिली है. हर्षित ने बताया कि 2017 में दुर्ग (भिलाई ) में मैकनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली में रहकर हर्षित ने यूपीएससी के लिए कोचिंग किया. इसके बाद सोशल साइट्स से कोचिंग सेंटर के टीचर से जुड़े रहे और अपनी तैयारी को सफलता के करीब पहुंचने तक कड़ी मेहनत की है. हर्षित ने कहना है कि यूपीएससी के प्रीलिम्स के लिए पिछले 10 साल के पेपर का ट्रेंड देखा इससे यूपीएससी का माइंड सेट समझ आया जिससे प्रीलिम्स में काफी आसानी हुई. इसके अलावा पिछले 5 साल से फेसबुक और ट्विटर नहीं चला रहे हैं केवल व्हाट्सएप और टेलीग्राम में एक्टिव रहे.
हर्षित मेहर आईएफएस बनने के बाद सबसे पहले करना चाहते हैं यह काम
हर्षित ने एबीपी न्यूज को बताया कि जिस तरह से आईएएस आईपीएस होते हैं और आम नागरिकों की सुविधाओं और कानून व्यवस्था के लिए काम करते हैं. उसी तरह आईएफएस अधिकारी का काम किसी वन मंडल के जंगली जानवर और जंगल के पेड़ पौधे उनके सुरक्षा के लिए करना होता है. मेरी पहली प्राथमिकता भी यही है कि जिस तरह हर साल जंगलों में आग लगती है . इससे जंगली जानवर और पेड़ पौधे को भारी नुकसान होता है.इसको रोकने के लिए प्रयास किया जाएगा. इसके अलावा जंगल से जुड़े हुए ट्राइबल लोगों के लिए काम करना है.
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