Valentine Day Special: 500 दुश्मनों से जान बचाकर रचाई थी प्रेमिका से शादी, एसपी, कलेक्टर से लेकर आईजी तक बने थे बाराती
Valentine Day: शादी के बाद लक्ष्मण और कोसी हंसी खुशी जिंदगी बिता रहे हैं. पुलिस लाइन में क्वार्टर दिया गया है. लक्ष्मण जिला पुलिस में डीआरजी की टीम में है तो कोसी भी महिला कांस्टेबल है.
Bastar News: देश में ऐसे कम ही प्रेमी जोड़े होंगे, जिनकी थाने में शादी हुई होगी या थाने से बारात निकाली गई होगी. इनमें से भी छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में हुई एक प्रेमी जोड़े की शादी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही. हो भी क्यों न, यह कोई मामूली प्रेमी जोड़े की शादी थोड़े ही थी. आखिरकार पांच सौ दुश्मनों के बीच से अपनी प्रेमिका को भगाकर और पुलिस के सामने सरेंडर कर इस नक्सली (Naxal) जोड़े ने शादी रचाई गई थी. यह दो प्रेमी नक्सलियों की शादी थी.
कोतवाली थाने से निकली थी बारात
सरेंडर कर चुके नक्सली लक्ष्मण पोडियामी की बारात में बस्तर जिले के एसपी, कलेक्टर से लेकर डीआईजी और आईजी भी शामिल हुए थे. जगदलपुर शहर के कोतवाली से गाजे बाजे के साथ निकली यह बारात गांधी मैदान में पहुंची थी. यह देश की पहली ऐसी शादी होगी, जिसमें एक सरेंडर नक्सली की बारात में एक साथ संभाग के आला अफसर बाराती बन कर शामिल हुए थे. इस भव्य शादी के साथ सरेंडर नक्सली प्रेमी जोड़े का प्यार सफल हुआ. आज इस प्रेमी जोड़े को पुलिस विभाग में नौकरी मिल चुकी है. इनके घर में किलकारी भी गूंज रही है. सरेंडर महिला नक्सली अब महिला कान्सटेबल है, उसने एक बच्ची को भी जन्म दिया है. बच्ची अब स्कूल भी जाने लगी है.
कोसी से ऐसे किया था अपने प्यार का इजहार
जिला पुलिस बल के डीआरजी में कान्स्टेबल पद पर काम कर रही नक्सली लक्ष्मण पोडियामी ने बताया कि वैलेंटाइन डे का दिन है. यह दिन उसके लिए बेहद यादगार है. वैलेंटाइन डे के कुछ दिन पहले ही उसने नक्सलियों की नाट्य चेतना मंडली में महिला नक्सली कोसी को पहली बार देखा था. उसी समय वह उसे दिल दे बैठा था. उस वक्त लक्ष्मण नक्सलियों के इंद्रावती एरिया कमेटी के जन्मलिशिया में डिप्टी कमांडर था. धीरे-धीरे नक्सलियों के आयोजनों में और बैठकों में उसकी कोसी मरकाम से मुलाकात होती रही. उसने आखिरकार अपने प्यार का इजहार कर ही दिया.
नक्सली संगठन में है प्यार की मनाही
अब उनके सामने सबसे बड़ा सवाल था कि नक्सली संगठन में प्रेमी जोड़ों की शादी पर साफ मनाही है. संगठन में महिला और पुरुष नक्सली एक-दूसरों को पसंद तो कर सकते हैं, लेकिन शादी नहीं कर सकते और न ही बच्चे पैदा कर सकते हैं. इसी के चलते अपने प्यार को पाने के लिए लक्ष्मण ने नक्सली संगठन से बगावत करने की ठानी और अपनी प्रेमिका कोसी के साथ सरकार की मुख्यधारा में जुड़ने का फैसला ले लिया. हालांकि, यह इतना आसान भी नहीं था. अगर नक्सली संगठन को इसकी भनक भी लगती तो लक्ष्मण और कोसी अपनी जान से हाथ धो बैठते.
मौका मिलते ही भाग निकले संगठन से
दोनों ने कई बार कोशिश की, लेकिन संगठन छोड़ कर बाहर निकलने का मौका उन्हें नहीं मिला. पांच से छह सौ नक्सलियों के बीच अपनी प्रेमिका को लेकर भागना किसी चुनौती से कम नहीं था. नक्सलियों की बंदूक कभी भी उन दोनों के सीने पर चल सकती थी. लेकिन, लक्ष्मण ने ठाना कि उसे इस जन्म में कोसी को पाना ही है. उसके साथ आम लोगों की तरह जिंदगी बितानी है. मौका देखकर लक्ष्मण और कोसी नक्सली संगठन को छोड़ भाग निकलने में कामयाब हो गए. उन्होंने दरभा थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी के सामने सरेंडर कर दिया. उन्होंने पुलिस को अपने प्यार की जानकारी दी.
आइजी ने शादी कराने का किया वादा
इसके बाद बात बस्तर के तत्कालीन आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी के सामने पहुंची. उन्होंने वादा किया कि लक्ष्मण और कोसी की धूमधाम से शादी होगी. इस शादी में पूरे बस्तर संभाग के लोग गवाह बने. बकायदा 16 जनवरी 2016 को सरेंडर नक्सली लक्ष्मण पोडियामी की बारात कोतवाली थाने से निकाली गई. इधर, शहर के गांधी मैदान में लक्ष्मण और कोसी की धूमधाम से शादी रचाई गई. शादी समारोह में एसपी, कलेक्टर, आईजी, डीआईजी के साथ तमाम प्रशासनिक अधिकारी और बस्तर के गणमान्य नागरिक के साथ आम लोग भी मौजूद रहे.
हंसी-खुशी बिता रहे जिंदगी
शादी के सात साल बाद आज लक्ष्मण और कोसी अपनी जिंदगी हंसी खुशी बिता रहे हैं. उन्हें शासन की ओर से पुलिस लाइन में क्वार्टर दिया गया है. लक्ष्मण जिला पुलिस बल में डीआरजी की टीम में शामिल है तो कोसी भी महिला कांस्टेबल के पद पर है. उनका बच्चा अब स्कूल भी जाने लगा है. अपने प्यार को सफल पाकर यह प्रेमी जोड़ा अब खुशहाल जिंदगी बिता रहा है.
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