Surguja News: बारिश का सीजन शुरू होने के साथ ही ग्रामीण अंचलों में जहरीले पूटू के सेवन से लोगों के बीमार पड़ने की घटनाएं भी शुरू हो गई है. रविवार की रात सरगुजा जिले में मैनपाट ब्लॉक के ग्राम परपटिया में जहरीला पूटू खाने से मांझी परिवार के चार सदस्य बीमार पड़ गए, जिनमें 10 और 12 साल के दो बच्चे शामिल है. चारों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलेश्वरपुर में भर्ती कराया गया. जहां रात भर उन्हें विशेष देखरेख में रखा गया और दूसरे दिन हालत में सुधार होने पर डॉक्टर के द्वारा उन्हें छुट्टी दे दी गई. 


बताया जा रहा है कि ग्राम पटपरिया निवासी कबरी मझवार 30 वर्ष, फूलमति 25 वर्ष के द्वारा गांव से लगे जंगल से जंगली पूटू उखाड़कर लाया गया था. शाम को पूटू धोने के बाद इसकी सब्जी बनाई गई और सेवन करने के कुछ देर बाद ही परिवार के सदस्य उल्टी और दस्त से पीड़ित होते चले गए. अचानक उनके बीमार पड़ जाने पर परिजनों में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों के द्वारा तत्काल कबरी मझवार, फूलमति के साथ ही मनरूपा10 वर्ष और सुमार साय 12 वर्ष को स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीजों की हालत बेहतर होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई है.


गांव से लेकर शहर तक पूटू की मांग
इधर जंगली पुटू की मांग गांव से लेकर शहर तक बनी हुई है. सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में सबसे ज्यादा खुखड़ी और पूटू सेमरसोत बलरामपुर क्षेत्र से पहुंचता है. मंगलवार को अम्बिकापुर में आठ सौ रूपए प्रति किलो की दर से इसकी बिक्री हुई. बताया जा रहा है कि पूटू और खुखड़ी (ज़मीन के अंदर से निकलने वाला मशरूम) के कई प्रजाति होते हैं, जिसमें कुछ प्रजाति जहरीले माने जाते हैं. जानकारी नहीं होने पर कई लोग इसका सेवन कर बीमार पड़ते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश शुरू होने के साथ ही अक्सर इस तरह की घटना बढ़ जाती है. हालांकि पूटू के कुछ किस्मों को काफी पौष्टिक माना जाता है और इसकी गुणवत्ता की तुलना मटन, चिकन से की जाती है.


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