Chhattisgarh Olympics News: प्रदेश में कल से  'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' की शुरुआत हो गई है. पहली बार हो रहे खेलकूद प्रतियोगिता का राज्य में जबरदस्त उत्साह है. बस्तर (Bastar) पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने  छत्तीसगढ़िया ओलंपिक आयोजन में गिल्ली डंडा खेलकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया. मुख्यमंत्री के डंडे से चली गिल्ली पीटीएस पार हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हो रही है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता में दलीय श्रेणी गील्ली डंडा, पिट्ठुल, संखली, लंगडी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी कंचा जैसे पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है.


छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों का लोगों में जबरदस्त उत्साह


एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा 100 मीटर दौड़, लंबी कूद को जगह मिली है. शहरी और ग्रामीण स्तर पर होनेवाली खेल प्रतियोगिता का छत्तीसगढ़वासियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों के प्रतिभागी हों सकेंगे.






मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरी प्रशासन विकास विभाग को सौंपी गई है. दलीय और एकल श्रेणी में कुल 14 तरह के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलकूद आयोजन का समापन 6 जनवरी को होगा.




खिलाड़ियों संग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खेला गिल्ली डंडा


गुरुवार को मुख्यमंत्री बघेल बस्तर दशहरा के महत्वपूर्ण रस्म मुरिया दरबार (Muria Darbar Ritual of Bastar Dusshera) में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम में शिरकत के बाद मुख्यमंत्री खेल मैदान पर खिलाड़ी के रूप में नजर आए. उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है.


खेलकूद शारीरिक विकास के साथ साथ मनोरंजन का भी साधन है. सरकार की मंशा पारंपरिक खेलकूद को बढ़ावा देने की है. गिल्ली डंडा में हाथ आजमाने से पहले उन्होंने माझी, चालकियों के साथ बैठकर भोजन किया. 6 जनवरी तक चलनेवाली छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलकूद प्रतियोगिता से बस्तर के खिलाड़ियों में जबरदस्त खुशी है. 


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