Chhattisgarh: कोरबा के इस अपराधी को एक साल के लिए किया गया जिला बदर, 25 साल में कर चुका है इतने अपराध
कोरबा में जिला दंडाधिकारी रानू साहू ने आदतन अपराधी विकास सिंह को एक साल के लिए जिला बदर कर दिया है. उसपर कई धाराओं मैं मामला दर्ज है.
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा में जिला दंडाधिकारी रानू साहू ने आदतन अपराधी विकास सिंह को एक साल के लिए जिला बदर कर दिया है. दरअसल, कोरबा के एसबीएस कॉलोनी मानिकपुर में रहने वाले विकास सिंह के खिलाफ थाना में 14 अपराध विभिन्न धाराओं में दर्ज है. विकास सिंह सन् 1995 से लगातार घर में घुसकर मारपीट, बलवा, गाली-गलौच, जान से मारने की धमकी, तोड़फोड़, प्रतिबंधित हथियार लेकर घूमने जैसी कई अपराधिक गतिविधियां करते आ रहा है.
कई अपराध कर चुका है विकास
अपराधी विकास सिंह के खिलाफ थानों में भादवि की धारा 147, 148, 427, 448, 341, 294, 506, 323, 34, 186, 353, 325, 342, 376, 149, 188, 332, 354, 355क (1)(2), 354(घ), 509(ख), 420, 406 आर्म्स एक्ट धारा 25 सहित एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1)(12) की धाराओं में 14 अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया जा चुका है. अपराधी के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के तहत 110, 151/107, 116(3) के चार प्रकरण भी दर्ज है. अपराधी के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई कोरबा एसपी के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है.
एक वर्ष तक प्रवेश नहीं कर सकेगा अपराधी
इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी रानू साहू ने आदेश भी जारी कर दिया है. अगले 24 घंटों में अपराधी विकास सिंह को कोरबा जिले और सीमावर्ती जिलों जांजगीर चांपा, सक्ती, बिलासपुर, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सूरजपुर जिले की सीमाओं से बाहर जाने का आदेश जारी किया गया है. विकास सिंह को जिला दण्डाधिकारी न्यायालय कोरबा की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना इन जिलो की सीमाओं में अगले एक वर्ष की अवधि तक प्रवेश नहीं करने का भी आदेश दिया गया है.
विकास सिंह की अपराधिक प्रवृत्ति से आमजन में भय का माहौल व्याप्त है. उसके खिलाफ 14 अपराधिक मामलों और चार प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयों के बाद भी अपराधिक प्रवृत्तियों पर रोक नहीं लग पा रही है. आम जनता अपराधी के विरूद्ध छोटी-मोटी घटनाओं में पुलिस रिपोर्ट करने में भी असुरक्षित महसूस करती है.
अपराधी के इस क्षेत्र में रहने से भविष्य में भी उसके अपराधों में संलग्न रहने और अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों को अंजाम देने की भी संभावना है. जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए विकास सिंह को छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3 एवं 5 के प्रावधानों के तहत जिला बदर किया गया है.
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