Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में केंद्र और राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रही है. इन अभियानों में पुलिस को लगातार सफलता भी मिल रही है, लेकिन वहीं इस दौरान सुरक्षाबलों को ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि नक्सल ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बल ग्रामीणों पर हवाई हमले कर रहे हैं और विरोध के बावजूद भी नये पुलिस कैंप खोलकर ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इसलिए वे चाहते हैं कि नक्सल मोर्चे पर तैनात सभी जवान को वापस भेज दिया जाए. वहीं हवाई हमले के विरोध में सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाके के लगभग 10 गांव के ग्रामीण बमबारी के सामान को इक्कठा कर विरोध में उतर आए हैं.


35 बम गिराने का ग्रामीणों ने लगाया है आरोप


विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि बीते 14 और 15 अप्रैल की रात पुलिस ने नक्सलियों के ठिकाने को निशाना बनाकर हवाई हमले किये और ड्रोन से बम गिराए हैं. इधर पुलिस की इस बमबारी से नक्सलियों को कोई नुकसान नही पहुंचा है और ग्रामीणों को भी किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से रात में पुलिस ने हवाई हमले किए हैं इससे गांव के सैकड़ों ग्रामीण बमबारी की चपेट में आ सकते थे और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था.


ग्रामीणों ने कहा कि सबूत के तौर पर उन्होंने ड्रोन से की गई बमबारी की पूरे मलबे को अपने पास रख लिया है, जिसे वे किसी जनप्रतिनिधि को या फिर पुलिस के बड़े अधिकारियों को दिखाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह के हवाई हमले बस्तर पुलिस तत्काल रोके वरना वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.


ग्रामीणों की आड़ में नक्सली रच रहे साजिश


इधर इस बमबारी को लेकर सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती इलाके में पड़ने वाले गांव बोटेम, रासम, मेटागुड़म, एर्राम, साकिलेर, मडपा, दुलेड, कन्नेमरका, बोत्तम, पोटामरगुम और अन्य गांवों में ग्रामीणों ने 30 से 35 बम ड्रोन से गिराने का आरोप  लगाया है. वहीं, कुछ दिन पहले नक्सलियों ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पुलिस पर ड्रोन से बमबारी करने का आरोप लगाया है. इन आरोपों को निराधार बताते हुए बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि यह नक्सलियों की साजिश है जो सुरक्षा बलों के प्रति ग्रामीणों को भड़काने के लिए रची गयी है.


ग्रामीणों की आड़ में नक्सली हवाई हमले की झूठी कहानी फैला रहे है और ग्रामीणों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. आईजी का कहना है कि बस्तर में धीरे-धीरे नक्सली अपना जनाधार खो रहे हैं और उनकी पेंठ भी उखड़ते जा रही है. इस वजह से पुलिस पर हवाई हमले करने जैसी झूठी कहानी रची जा रही है. उन्होंने कहा कि हवाई हमले को लेकर पुलिस के पास कोई आदेश नहीं है, हालांकि ग्रामीणों के पास यह सामान किस वस्तु का है और कैसे आया इसकी जानकारी जरूर जुटाई जा रही है. उन्होंने ग्रामीणों से इस मैटेरियल को पुलिस को सौंपने को कहा है.


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