Chhattisgarh News: कोंडागांव में कई वर्षों से लगभग 42 गांव के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं. फ्लोराइड का पानी पीने से आश्रमों में पढ़ने वाले बच्चों के दांत पीले पड़ने लगे हैं और शरीर भी कमजोर होने लगा है. घोड़ागांव ब्लॉक में सबसे बुरा हाल है. पिछले 10 वर्षों से घोड़ागांव में लोगों को शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा है. पीएचई विभाग ग्रामीणों की सेहत के प्रति गंभीर नहीं है. करीब एक साल पहले घोड़ागांव में 7 लाख रुपये की लागत से फ्लोराइड रिमूवल फिल्टर प्लांट लगाया गया, लेकिन चालू नहीं होने से समस्या बढ़ती ही जा रही है.


फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर ग्रामीण


ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचई विभाग के अधिकारी किट देकर खानापूर्ति करते हैं. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शिकायत करने पर शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का सिर्फ आश्वासन ही मिला. माकड़ी ब्लॉक के 10 गांवों में भी फ्लोराइ़ड पानी की समस्या बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने की जानकारी देने के बाद अधिकारियों ने एक किट थमाकर खानापूर्ति कर दी. डॉक्टरों का कहना है कि पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा होने का सबसे पहले असर दांतों पर दिखता है.


Surguja: पीईकेबी कोल खदान की अनुमति रद्द करने के लिए NCP ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, वन विभाग पर लगाया आरोप


फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने का ये असर


पीलापन आने के साथ दांत गिरने शुरू हो जाते हैं, हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं, जवानी में शरीर बूढ़ा होने लगता है. कम उम्र के बच्चों पर फ्लोराइड ज्यादा खतरनाक होता है. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समस्या से निजात दिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि ठेकेदार ने अब तक रिमूवल प्लांट चालू करके क्यों नहीं दिया. सभी 42 गांवों में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. आने वाले समय में जरूरत के हिसाब से फ्लोराइड रिमूवल फिल्टर प्लांट लगाया जाएगा. पंचायतों के सरपंच और ग्रामीणों का कहना है कि समस्या की शिकायत करके थक चुके हैं. फ्लोराइड रिमूवल फिल्टर प्लांट लगने के बावजूद भी विभागीय लापरवाही की वजह से ग्रामीण जहरीला पानी पी रहे हैं.


Chhattisgarh News: अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर भूपेश बघेल ने की बड़ी घोषणा, बुजुर्गों के लिए राज्य में शुरू होगी ये सेवा