Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मनोनी सीएम विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने अनुच्छेद 370 (Articke 370) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. यह भारत की जीत है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी जिसपर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को उचित ठहराया है.
विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर लिखा कहा, ''अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखा जाना भारत की जीत है. यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है.''
यह सिर्फ कानूनी फैसला नहीं- साय
'नया जम्मू कश्मीर' हैशटैग के साथ विष्णु देव साय ने आगे लिखा, ''यह सिर्फ कानूनी फैसला मात्र नहीं है. यह एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है. इस विजय के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को बधाई. अभिनंदन.''
जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करे सरकार- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा है. साथ ही कहा है कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए.
लद्दाख के यूटी के दर्ज को रखा बरकरार
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्टिकल 370 क अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है. शीर्ष अदालत ने जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा. दरअसल केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग- सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ''.भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर (भी) लागू हो सकते हैं. हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं.'' उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना और यह अनुच्छेद-एक एवं 370 से स्पष्ट है.
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