Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले (Kanker District) में मोबाइल फोन (Mobile Phone) के लिए जलाशय का लाखों लीटर पानी बर्बाद करने वाले, पखांजूर खाद्य विभाग में पदस्थ फूड  इंस्पेक्टर राजेश विश्वास (Rajesh Vishwas) को जिला कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है. मामले में कांकेर जिला कलेक्टर ने सिंचाई विभाग के एसडीओ को भी शो कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. फूड इंस्पेक्टर के कारनामे ने पूरे जिले के साथ प्रदेश में खलबली मचा दी है. 


मोबाइल ढूंढने के लिए जलाशय का लाखों लीटर पानी की बर्बाद करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए, कांकेर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने तत्काल प्रभाव से फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही फूड इंस्पेक्टर को कांकेर जिला मुख्यालय के खाद्य विभाग में अटैच कर दिया गया है. 


फूड इंस्पेक्टर ने सफाई में कही ये बात


दरअसल फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास कुछ दिन पहले अपने दोस्तों के साथ परलकोट जलाशय में पिकनिक मनाने गए हुए थे. यहां सेल्फी लेने के दौरान उनका मोबाइल जलाशय में गिर गया. जिसके बाद अपने मोबाइल को ढूंढने के लिए गांव के गोताखोरों की मदद ली, लेकिन उन्हें मोबाइल नहीं मिला. जिसके बाद खाद्य विभाग के अधीन राशन दुकान के स्टाफ की मदद से 3 दिनों तक लगातार परलकोट जलाशय के पानी को 30- 30 एचपी के डीजल पंप से खाली करते हुए लगभग 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया. फूड इंस्पेक्टर ने इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी. अपनी सफाई में फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने कहा कि जलाशय का पानी काफी गहरा था. ग्रामीणों के द्वारा मोबाइल ढूंढ नहीं पाने के चलते  जलाशय से लगभग 6 फीट पानी खाली कराया और यह पानी खेत में ही छोड़ा गया, इसके  लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के एसडीओ आर. सी धीवर से मौखिक रूप से अनुमति मांगी थी.


जांच के बाद फूड इंस्पेक्ट को किया गया सस्पेंड


मामला कांकेर कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद, जिला कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी से इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पता चला कि जलाशय से पानी बहाने की फूड इंस्पेक्टर ने किसी से भी लिखित रूप से आदेश नहीं लिया. फूड इंस्पेक्टर ने विभाग को बिना जानकारी दिए अपने मोबाइल को ढूंढवाने के लिए जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच जमा 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया. इस पानी से लगभग डेढ़ हजार एकड़ में सिंचाई हो सकती थी. कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया और कांकेर खाद्य विभाग में अटैच कर दिया है. 




जिला कलेक्टर ने इस मामले में सिंचाई विभाग के एसडीओ आर.सी धीवर को भी शो कॉज नोटिस जारी करते हुए, 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने बताया कि एसडीओ ने बिना उच्च अधिकारियों से अनुमति लिए परलकोट जलाशय से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देने की मौखिक अनुमति दी, जो कदाचार की श्रेणी में आता है. ये छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण और अपील 1965 नियम के विपरीत है. ऐसे में कलेक्टर ने एसडीओ से भी लिखित में 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है.


बीजेपी ने की फूड इंस्पेक्ट के बर्खास्तगी की मांग


इस मामले की सूचना मिलते ही सियासत भी शुरु हो गई है. बीजेपी नेता ओपी चौधरी ने अपने मोबाइल फोन के लिए जलाशय का लाखों लीटर पानी बर्बाद करने वाले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. ओपी चौधरी ने कहा कि इस पानी से हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकती थी, लेकिन लापरवाह अधिकारी ने पानी व्यर्थ बहाकर किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में सरकार को तत्काल फूड इंस्पेक्टर को बर्खास्त करना चाहिए. वहीं प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि उन्होंने खुद मामले को संज्ञान में लिया है और प्रारंभिक जांच में फूड इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है और आगे की जांच जारी रखने की बात कही है.


ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: ट्रक में भरकर महाराष्ट्र भेजे जा रहे थे मवेशी, पुलिस ने तीन तस्करों को किया गिरफ्तार