Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तेज धूप और तपती गर्मी से जल्द ही राहत मिलने वाली है, केरल में मानसून के दस्तक देने के साथ ही धीरे-धीरे मानसूनी हवा तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, यही वजह है कि पिछले तीन दिनों से बस्तर में मौसम का मिजाज बदला है, और दोपहर धूप के बाद शाम को झमाझम बारिश हो रही है.
मौसम विज्ञानी का कहना है कि बस्तर में प्री मानसून पहुंच चुका है और आने वाले 13 जून को बस्तर में मानसून दस्तक देगी, मौसम विभाग ने इस बार छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है.
सभी तैयारी दुरुस्त करने का किया है दावा
हालांकि पिछले साल मानसून ने बस्तर में काफी देर से दस्तक दी थी लेकिन इस साल मौसम वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि समय से पहले मानसून के आने से बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश होगी, इधर मानसूनी बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारी दुरुस्त करने का दावा किया है.
6 से ज्यादा ग्रामीणों की गई थी मौत
पिछली बार जिस तरह से बस्तर संभाग के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी और बाढ़ में बहने की वजह से 6 से ज्यादा ग्रामीणों की मौत हो गई थी, जिसे देखते हुए पहले से ही प्रशासन ने सारी तैयारी दुरुस्त कर लेने का दावा किया है.
नदी नालों में जल स्तर पर निगरानी रखने हुई टीम गठित
बस्तर के कमिश्नर श्याम धावड़े ने बताया कि इस बार मौसम विभाग के द्वारा भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी करने के बाद संभाग में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए समय से पहले सभी आवश्यक व्यवस्था और तैयारी सुनिश्चित करने के सजकता के साथ अपना दायित्व निर्वहन करने पर बीते दिनों हुई बाढ़ आपका प्रबंधन समिति की बैठक में निर्देश दी गई है, बैठक में बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना के साथ ही प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति और नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे संचालित करने के लिए कर्मचारियों की रोस्टर अनुसार ड्यूटी लगाई जाने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं.
अधिकारियों को दिए गए हैं निर्देश
इसके साथ ही कमिश्नर ने बताया कि संभाग के अलग-अलग जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदी- नालों में जल स्तर पर निगरानी रखने के साथ ही सूचना तंत्र को मजबूत बनाने और संबंधित इलाके के मैदानी अमले की मुख्यालय पर नियमित उपस्थिति और रिस्पांस दलों की ड्यूटी लगाई जाने और नदी नालों में जलस्तर ज्यादा होने पर बैरिकेडिंग कर लोगों का आवागमन रोकने सहित इन क्षेत्रों में अस्थाई राहत शिविर के लिए भी स्कूल भावनो, सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों का चिन्हांकन कर ऐसे स्थानों पर खाने के सामान, पेयजल की व्यवस्था, बांस बल्ली की उपलब्धता और अन्य सामान सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.
बाढ़ आपदा प्रबंधन ने मॉक ड्रिल कर तैयारी की पूरी
इसके अलावा कमिश्नर ने बताया कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए वर्षामापी यंत्रों की जांच कर इसे चालू स्थिति में रखे जाने, मोटर बोट की उपलब्धता, लाइफ़ जैकेट, रस्सा ,टोर्च की व्यवस्था सहित प्रशिक्षित गोताखोर और तैराकों का पहले से चिन्हांकन कर अलर्ट में रखे जाने के निर्देश भी उनके द्वारा दिए गए हैं ,कमिश्नर ने कहा कि बाढ़ आपदा से बचाव के लिए एक सप्ताह के भीतर मॉक ड्रिल करने के भी निर्देश बाढ़ आपदा प्रबंधन को दिए गए हैं.
कंट्रोल रूम के नंबर किए हैं जारी
इसके अलावा सभी जिलास्तर के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कर आवश्यक व्यवस्था और तैयारी किए जाने को कहा गया है, इसके साथ ही चिकित्सा संबंधी आकस्मिक सहायता की त्वरित उपलब्धता के लिए कॉम्बैट टीम गठित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, कमिश्नर श्याम धावड़े ने कहा कि बकायदा बस्तर संभाग के 7 जिलों में बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने कंट्रोल रूम के नंबर भी जारी किए हैं.
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