Raipur News: कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन (Congress Plenary Session) के दूसरे दिन कई बड़े फैसले हुए. कांग्रेस ने अपने संविधान में संशोधन का प्रस्ताव महाअधिवेशन में रखा है. कांग्रेस के 85वें महा अधिवेशन में 85 संशोधन रखे गए. इसमें सबसे खास संशोधन कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना है. अगर इसे अनुमोदित कर दिया गया तो कांग्रेस कार्य समिति में एससी, एसटी, ओबीसी, महिला और युवा वर्ग के लोगों को 50 फीसदी जगह दी जाएगी. इससे कांग्रेस पार्टी को क्या फायदा होगा. चलिए इसे समझते हैं.
संविधान संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी ?
दरअसल कांग्रेस के संविधान संशोधन अभी तक प्रस्ताव के रूप में हैं. अभी तक इन्हें प्लेनरी ने अपनी स्वीकृति नहीं दी है.रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस के संविधान में आखिरी बार संशोधन 17 नवंबर 2007 को हुआ था.इन संशोधनों को 2010 को प्लेनरी ने मंजूर किया था. उन्होंने कहा कि 2007 के बाद अब हम 2023 में जुटे हैं. इस बीच कई सारे नए राज्यों का गठन हुआ है. एआईसीसी की मेंबरशिप कई गुना बढ़ गई है.राजनीतिक हालात बदल गए हैं, जनसंख्या बढ़ी है और पार्टी में कई नई यूनिटों का गठन हुआ है.
संशोधन के पीछे कांग्रेस की रणनीती?
आपको बता दें कि कांग्रेस इस आरक्षण के साथ देश के सबसे ज्याफा जनसंख्या वाले 4 प्रमुख वर्गों को साधने की कोशिश कर रही है.खासतौर पर ओबीसी वर्ग जिसकी जनसंख्या भारत की राजनीति दिशा तय करती है.इसके अलावा कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में एससी-एसटी गेम चेंजर हैं. जैसे छत्तीसगढ़ एक ट्राइबल स्टेट है. राज्य में 30 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या आदिवासियों की है.राज्य के 90 में से 29 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इस लिहाजा से नए संशोधन के जरिए कांग्रेस देश के बड़े वोटर वर्ग को साध कर 2024 में सत्ता वापसी की तैयारी कर रही है.कांग्रेस पार्टी ने इस संशोधन प्रस्ताव को सामाजिक न्याय और सामाजिक बदलाव की क्रांति का नाम दिया है.
सीडब्ल्यूसी का गणित
सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या पिछले 30-35 साल से 23 ही है. संशोधन प्रस्ताव में इसे 23 को बढ़ाकर 35 कर दिया गया है.नए प्रस्ताव के अनुसार 35 में से आधे सदस्य आरक्षित होंगे.35 में से 50 प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी, यूथ, वूमेन कोटा से आएंगे. वहीं बाकी के 17 सदस्य पहले भी नॉमिनेट किए जाते थे,अब भी नॉमिनेट ही किए जाएंगे. वहीं पार्टी के पू्र्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पू्र्व प्रधानमंत्री या कांग्रेस के प्रधानमंत्री स्वत:ही सीडब्ल्यूसी के मेंबर होंगे.इसके अलावा लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेता भी स्वत: सीडब्ल्यूसी के सदस्य होते हैं.
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