Surajpur News: छत्तीसगढ़ के प्रेमनगर विधानसभा सीट से भाजपा ने भूलन सिंह मरावी को अपना उम्मीदवार बनाया है. चुनाव से तीन महीने पहले ही भाजपा ने प्रदेश के 21 कमजोर सीटों के लिए प्रत्याशी की घोषणा की, जिसमें सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विधानसभा सीट का भी नाम शामिल रहा. इन दिनों प्रेमनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी भूलन सिंह मरावी, भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ लगातार अपने क्षेत्र की जनता के बीच पहुंच रहे है और प्रेमनगर में कमल खिलाने की अपील कर रहे हैं. इस चुनावी हलचल पर क्षेत्र की जनता अपनी नजर बनाई हुई है और अब कांग्रेस प्रत्याशी के नाम के इंतजार में है. प्रेमनगर में सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस में होती रही है. जबकि तीसरी पार्टी के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उभर कर सामने आई है.
कांग्रेस के पास दूसरा ऑप्शन शशि सिंह
सूरजपुर जिले के प्रेमनगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस हाईकमान में मंथन का दौर चल रहा है. चूंकि प्रेमनगर सामान्य सीट है, इसके बावजूद दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियां आदिवासी वर्ग के लोगों को ही टिकट देती हैं. इस चुनाव में भाजपा ने आदिवासी समाज के भूलन सिंह मरावी को प्रत्याशी बनाया है. इधर कांग्रेस में सिटिंग एमएलए खेलसाय सिंह को फिर से टिकट देने की बात कही जा रही है, क्योंकि ये आदिवासी वर्ग से हैं और पिछले दो चुनाव में लगातार जीत दर्ज की है. लेकिन विधायक खेलसाय सिंह का अब क्षेत्र की जनता से जुड़ाव कम है और जमीनी स्तर पर क्षेत्र में विकास कुछ खास रफ्तार नहीं पकड़ सकी. लिहाजा दूसरे ऑप्शन में दिवंगत पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह की बेटी शशि सिंह के नाम की चर्चा भी जोरों पर है. कांग्रेस खेलसाय सिंह का टिकट काटती है तो शशि सिंह को टिकट मिलना तय माना जा रहा है.
कौन है शशि सिंह?
शशि सिंह सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य हैं. ये आदिवासी नेता व पूर्व मंत्री दिवंगत तुलेश्वर सिंह की बेटी है. वर्तमान में शशि युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव की भी जिम्मेदारी संभाल रहीं हैं, इसके अलावा प्रेमनगर क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं. स्नातकोत्तर तक पढ़ाई करने वाली शशि जिला पंचायत सूरजपुर में लोगों की समस्या उठाने में काफी सक्रिय है. अपने पिता की तरह व लोगों से सीधा जुड़ाव रखती हैं. सूरजपुर जिले में उन्हें एक बेहतर महिला नेतृत्व की तरह देखा जा रहा है. शशि, कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ पैदल यात्रा भी कर चुकी हैं. देश, प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ अच्छा तालमेल के साथ राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है. ऐसे में दूसरे ऑप्शन में कांग्रेस शशि सिंह के नाम पर प्रेमनगर में दांव खेल सकती है.
प्रेमनगर में कितने दावेदार?
प्रेमनगर विधानसभा सामान्य सीट है, लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियां आदिवासी वर्ग से ही अपना प्रत्याशी चुनती है. प्रेमनगर में कांग्रेस से दावेदारों की बात करें तो नरेश राजवाड़े, विंधेश्वर शरण सिंहदेव का भी नाम है, जो प्रेमनगर की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखते हैं, लेकिन कांग्रेस आदिवासी कार्ड खेलती है तो इनका नाम लुपलाइन में ही रहेगा. 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तुलेश्वर सिंह को और भाजपा ने रेणुका सिंह (वर्तमान सरगुजा सांसद) को अपना प्रत्याशी बनाया था, जिसमें रेणुका सिंह ने तुलेश्वर सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी. 2008 में भाजपा ने फिर रेणुका सिंह को चेहरा बनाया और कांग्रेस से नरेश राजवाड़े को उतारा. यहां रेणुका सिंह ने फिर जीत दर्ज की. इसके बाद 2013 और 2018 में भाजपा प्रत्याशियों को हराकर खेलसाय सिंह दो बार लगातार विधायक बने है.