Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर ने पिता के सपने को किया साकार, इस बात से हैं बेखबर कि अब नहीं रहे डैड...
Woman Agniveer: दुर्ग की 19 वर्षीय हिशा बघेल छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं. उन्होंने 28 मार्च को ओडिशा के आईएनएस चिल्का में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया और भारतीय नौसेना में शामिल हुईं.
![Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर ने पिता के सपने को किया साकार, इस बात से हैं बेखबर कि अब नहीं रहे डैड... Woman Agniveer first Woman Agniveer from durg Chhattisgarh realizes father dream not know he is no more Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर ने पिता के सपने को किया साकार, इस बात से हैं बेखबर कि अब नहीं रहे डैड...](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/30/eeef0938f4f93c083a4f79e256b2b7601680157991005340_original.avif?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chhattisgarh Woman Agniveer: जब 19 वर्षीय हिशा बघेल ने मंगलवार को INS चिल्का में महिला अग्निवीरों के पहले जत्थे के रूप में अपनी पासिंग आउट परेड में मार्च किया, तो उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि उनके पिता-जिन्होंने उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया - अब नहीं रहे. उसके परिवार ने उसे उसके पिता की मृत्यु के बारे में नहीं बताया, ऐसा न हो कि इससे उसके प्रशिक्षण पर असर पड़े.
पिता के साथ साथ हिशा ने देखा था सपना
छत्तीसगढ़ की रहने वाली 19 वर्षीय हिशा बघेल ने छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं. लगभग 2,600 के एक बैच में से 273 महिलाएं थीं, जिन्होंने 28 मार्च को ओडिशा के आईएनएस चिल्का में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया और भारतीय नौसेना में शामिल हुईं. उनमें हिशा बघेल भी शामिल हैं. हिशा के पिता की मौत हो गई है, हालांकि ट्रेनिंग की वजह से उसे इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है.
दरअसल हिशा को अग्निवीर बनाने का सपना उनके पिता ने ही देखा था ट्रेनिंग के दौरान ही हिशा के पिता की कैंसर से मौत हो गई है ऐसी खबर सुनकर हिशा पर क्या असर होगा वह अपनी ट्रेनिंग पर फोकस नहीं कर पाएगी यो सोचकर घरवालों ने अभी तक उसे इस बारे में जानकारी नहीं दी है.
उनका परिवार दुर्ग शहर से लगभग 15 किमी और राज्य की राजधानी रायपुर से 50 किमी दूर बोरीगार्का गांव में रहता है. हिशा के बड़े भाई कोमल बघेल ने बताया कि वह अप्रैल के दूसरे सप्ताह में घर आ रही है. हमने अभी तक उसे अपने पिता की मृत्यु के बारे में नहीं बताया है. हम नहीं चाहते थे कि वह अपने सपने की उड़ान से पीछे हटे.
3 मार्च को कैंसर से जंग हार गए हिशा के पिता संतोष बघेल
बीते 3 मार्च, 2023 को हिशा के पिता संतोष बघेल कैंसर से जंग हार गए. हिशा तब अपने प्रशिक्षण के अंतिम चरण में थीं. उसके परिवार ने उससे दुखद समाचार शेयर नहीं किया ताकि ताकि वह उस सपने पर ध्यान केंद्रित कर सके जिसे पिता-पुत्री ने एक साथ देखा था. पिता के साथ साथ हिशा ने भी नौसेना की वर्दी में खुद को देखा था. संतोष बघेल ने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक ऑटोरिक्शा चलाया. लेकिन 2016 में कैंसर का पता चलने पर उन्हें अपने इलाज के खर्चों को पूरा करने के लिए इसे बेचना पड़ा.
कोमल ने कहा कि हिशा तब दुर्ग के एक सरकारी कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर रही थी. कोमल ने कहा, "वह हमेशा एक अच्छी छात्रा थी, बहुत मेहनती और हमेशा मदद के लिए तैयार रहती थी. वह कॉलेज में एनसीसी में शामिल हुई थी और वास्तव में रक्षा सेवाओं के प्रति जुनूनी थी." वह विशाखापत्तनम में आयोजितअग्निवीर शारीरिक परीक्षण में नंबर एक थी,"
इसे भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)