Chhattisgarh CM on Woman Reservation Bill: संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ है. केंद्र सरकार इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण समेत कई बिलों को पेश करने की योजना बना रही है. महिला आरक्षण पर पूरे देश से राजनीतिक पार्टियों और नेताओं की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. महिला आरक्षण बिल को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीएम बघेल ने कहा कि देखना ये है कि महिला आरक्षण बिल किस प्रकार लागू होता है. उन्होंने कहा कि अभी तो संसद में बिल पर चर्चा होगी, फिर आगे कुछ होगा.


आगामी वर्ष पूरे देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में महिला आरक्षण बिल के जरिये बीजेपी देश महिला मतदाताओं को साधने में लगी है. ये बिल 27 साल से अधिक समय से लंबित था. इस बिल को लागू करने के लिए लंबे से विपक्षी दलों सहित तमाम महिला संगठन मांग कर रहे थे.


संसद के विशेष सत्र शुरू होने से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी नेताओं ने इस बिल को पारित करने की मांग की थी. इस बिल पर संसद में मंगलवार (19 सितंबर) को चर्चा होने की संभावना है. सरकार संविधान में 128वें संशोधन के जरिये सदन में महिला आरक्षण बिल पेश करेगी. यदि ये बिल दोनों सदनों से पास हो गया तो संसद और देश के सभी राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित हो जायेंगी.


अभी दोनों सदनों में महिलाओं की कितनी है भागीदारी?
लगभग 9 सालों से देश की सत्ता में काबिज बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में महिला आरक्षण शामिल रहा था. इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बिल का लागू करने की मांग कर चुके हैं. दोनों ने केंद्र सरकार को इस बिल समर्थन देने का आश्वासन भी दिया था. इस बिल के जरिये सियासत में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 33 फीसदी  हो जायेगी. इस समय लोकसभा में 82 महिला सांसद यानि लगभग लगभग 15 फीसदी है, जबिक राज्यसभा की 250 सदस्यों में से सिर्फ 31 महिलाएं (लगभग 13 फीसदी) है


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