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World Rabies Day 2022: किन-किन जानवरों के काटने से होता है रेबीज? जानें- इसके लक्षण और बचाव के सभी उपाय
World Rabies Day 2022: रेबीज एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है. इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है और देर होने पर यह जानलेवा भी होता है.
World Rabies Day 2022: हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि कुत्ते के अलावा और कौन-कौन से जानवर के काटने पर रेबीज हो सकता है? अगर नहीं जानते तो इस खबर में आपको इसकी पूरी जानकारी मिलेगी. इसके अलावा जानवर पालने का शौक है तो उसका टीकाकरण कैसे करवाएं. चलिए आज रेबीज की पूरी कहानी जानते हैं. दरअसल रेबीज से बचाव, इसके प्रबंधन और टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दुनिया में 28 सितंबर को हर साल विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है.
रेबीज एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है. इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है और देर होने पर यह जानलेवा भी होता है. अगर समय रहते लोग इसके प्रति सचेत हो जाए, तो काफी हद तक बचा जा सकता है. रेबीज नियंत्रण के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र गहवई ने बताया कि एक बार रेबीज होने के बाद इससे बचा नहीं जा सकता है. प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में रेबीज से बचाव और प्रबंधन के बारे में डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी जाती है. रेबीज जानलेवा बीमारी है. समय पर इलाज करवाकर और एंटी-रेबीज का टीका लगवाकर जान बचाई जा सकती है.
जंगली जानवर के काटने के बाद क्या करें?
उन्होंने कहा कि रेबीज का टीका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में निःशुल्क लगाया जाता है. रेबीज के 97 प्रतिशत मामले संक्रमित कुत्ते के काटने के कारण होता है. कुत्ते के काटने के 72 घंटे के भीतर एंटी-रेबीज वैक्सीन अवश्य लगवा लेना चाहिए. इस 72 घंटे में वैक्सीन नहीं लगवाने से व्यक्ति रेबीज की चपेट में आ सकता है. जंगली जानवर के काटने पर यदि घाव अधिक गहरा नहीं हो तो उसे साबुन से कम से कम 15 मिनट तक धोना चाहिए. इसके बाद बीटाडीन से अच्छी तरह से साफ करें, घाव को ढंके नहीं. अगर घाव अधिक गहरा हो तो तुरंत ही चिकित्सक की सलाह से उसकी साफ-सफाई करवाएं.
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इन जानवरों के काटने से होता है रेबीज
आज के दौर में जानवर और मनुष्य के बीच जुड़ाव बढ़ता जा रहा है. हर घर में कुत्ता या बिल्ली पाले जा रहे हैं. लेकिन इन पालतू जानवरों को एंटी रेबीज का टीका नहीं लगवाना आपकी जान ले सकता है. दरअसल कुत्ता, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या अन्य जंगली जानवरों के काटने से रेबीज भी हो सकता है. इसके अलावा अगर किसी घाव पर गलती से कुत्ते की लार गिर जाती है तो उससे भी रेबीज हो जाता है. जानवरों के द्वारा चाटने, नाखून मारने से भी रेबीज हो सकता है.
कब लगवाने चाहिए कुत्तों को टीके
विश्व रेबीज दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जानवरों के काटने पर एंटी-रेबीज टीकाकरण करवाने और घाव को तत्काल साबुन या एंटिसेप्टिक से 15 से 20 मिनट तक बहते पानी से धोना चाहिए. रेबीज से बचने के लिए घर के पालतू जानवरों कुत्ता, बिल्ली या अन्य पशुओं को जरूरी टीका लगवाना चाहिए. कुत्तों को तीन महीने की उम्र में टीका लगवाना है. टीके के प्रकार के अनुसार हर 3 साल में इसका एक अतिरिक्त डोज भी लगवाना पड़ेगा.
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