Chhattisgarh 2022: गुजरे साल के दौरान छत्तीसगढ़ में एक से बढ़कर एक घटनाएं हुईं. सियासी तौर पर टीएस सिंह देव ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर सियासी भूचाल लाने का काम किया तो प्रदेश की सबसे बड़ी सियासी बैठक का आयोजन आरएसएस ने की. इसके अलावा 104 घंटे बाद बोरवेल से 11 साल के बच्चे का जिंदा बाहर निकलना दुनिया भर में सुर्खियों में बना रहा. इसी तरह कई अन्य घटनाएं भी हुईं जिसके लिए साल 2022 को याद किया जाएगा. आइए, एबीपी न्यूज के जरिए जानें सालभर की प्रमुख घटनाएं. 


1. प्रदेश का सबसे बड़ा किसान आंदोलन


छत्तीसगढ़ में 2022 के पहले महीने की शुरुआत छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े किसान आंदोलन से शुरू हुई. इसमें 27 गांव के हजारों किसान अपनी जमीन के मुआवजे और बेहतर पुनर्स्थापना के लिए कई महीनों तक सड़क में बैठे रहे. कई बार पुलिस और किसानों की झड़प हुई. एक बार ये किसान रायपुर एयरपोर्ट के करीब राहुल गांधी से मिलने तक पहुंच गए. किसानों की भीड़ की तस्वीर जमकर वायरल हुई थी. 


2. रायपुर में हेलिकॉप्टर क्रैश


12 मई, 2022 को इस साल का सबसे दुखद हादसा हुआ था. इसमें रायपुर एयरपोर्ट में हेलीकॉप्टर लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया. हेलिकॉप्टर में सवार दो पायलटों की मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे में कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा और कैप्टन एपी श्रीवास्तव की मौत हुई है.


3. 104 घंटे बाद बोरवेल से जिंदा बाहर निकला बच्चा 


जून, 2022 महीने में सब्र और कड़ी मेहनत का सुखद परिणाम सामने आया था. जब एक 11 साल का बच्चा राहुल ओपन बोरवेल में गिर गया था. ये जांजगीर चांपा जिले के पिहरीद गांव का मामला है. जब 10 जून को राहुल बोरवेल में गिरा और 104 घंटे तक 60 फीट अंदर बोरवेल में फंसा रहा. एसडीआरएफ एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने दिन रात पसीने बहा कर राहुल का रेस्क्यू किया. उस समय की राहुल की पहली तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई थी. 


4. टीएस सिंहदेव के इस्तीफे से मचा था सियासी भूचाल


छत्तीसगढ़ की राजनीति से जुड़ी इस साल की सबसे बड़ी खबर कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव से जुड़ी है. 16 जुलाई को प्रदेशभर में हड़कंप मच गया जब टीएस सिंहदेव पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायत विभाग कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को सौंप दिया. 


5. छत्तीगढ़ बना गोमूत्र की खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य 
साल 2022 में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार हरेली पशुपालकों के लिए सबसे खास रहा. प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में गोबर खरीदी के बाद 28 जुलाई को गोमूत्र की खरीदी शुरू कर दी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले 5 लीटर गोमूत्र बेचकर 20 रुपए कमाए. सरकार ने आत्मनिर्भर गौठानों से चार 4 रुपए प्रति लीटर से गोमूत्र खरीदी शुरू कर दी.


6. रायपुर में साल की सबसे बड़ी सियासी बैठक 


सियासी और सांस्कृतिक तौर पर देखें तो 10 सितंबर रायपुर में इस साल का सबसे बड़ी बैठक हुई. यह बैठक आरएसएस समन्वय समिति की थी. इसमें मोहन भागवत और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए थे. माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की वापसी को सारी रणनीति इसी बैठक में निर्धारित की गई. इसके बाद पूरे प्रदेश में बीजेपी एक्टिव हो गई.


7. कोरोना के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट मैच


कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ में पहला बड़ा अयोजन रायपुर के क्रिकेट स्टेडियम में हुआ. 27 सितंबर से 1 अक्टूबर तक रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट टूर्नामेंट सेमीफाइनल और फाइनल मैच रायपुर में खेला गया. इसमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, जोंटी रोड्स, ब्रायन लारा, युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल हुए. 
 
8. छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा विवाद


19 सितंबर, 2022 को बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा 58 प्रतिशत आरक्षण रद्द करने के फैसले की वजह से सबसे बड़ा विवाद सामने आया. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. लगातार 2 महीने तक आदिवासियों ने आंदोलन किया. तब सरकार ने विधानसभा का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर राज्य में 76 प्रतिशत तक आरक्षण बढ़ा दिया लेकिन इस विधेयक पर राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी. इसलिए अभी तक इस मामले में सियासी टकराव जारी है.


9. टॉपर बच्चों को कराई गई हेलीकॉप्टर राइड


छत्तीसगढ़ में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के टॉपरों का आसमान में उड़ने का सपना पूरा हुआ. सरकार ने 8 अक्टूबर को 119 बच्चों को हेलीकॉप्टर की सैर कराई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद रायपुर हेलीपेड में बच्चों को हेलीकॉप्टर राइड करवाई गई.


10. ईडी एक्शन से पूरे प्रदेश में हड़कंप


छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर से ईडी की कार्रवाई शुरू हुई. राज्य में कोयला ट्रांसपोर्ट परमिट में गड़बड़ी और अवैध लेवी के मामले में ईडी ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें एक सस्पेंड आईएएस समीर विश्नोई और मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ सस्पेंड अफसर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है. 


11. दुनियाभर में गूंजा हसदेव अरण्य का मुद्दा


इस साल हसदेव अरण्य में सबसे लंबा आंदोलन चला है. ये मामला देश विदेश में गूंजा. सरकार ने हसदेव अरण्य वनक्षेत्र में कोयले खदानों खोलने के लिए दी गई स्वीकृति ग्रामीण आदिवासियों ने विरोध किया. इसके समर्थन में देशभर से पर्यावरण प्रेमी जुड़ गए. तब मुख्यमंत्री ने भी इसकी स्वीकृति रद्द करने के निर्देश दिए. सरगुजा जिले के हरिहरपुर में 2 मार्च से शुरू हुआ रहा आंदोलन.


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