Chief Election Commissioner Salary: भारत एक ऐसा देश हैं जहां कहीं न कहीं चुनाव चलते ही रहते हैं. लोकतांत्रिक देश होने के नाते हमारे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बहुत अहम हो जाते हैं, क्योंकि जब लोग अपना मतदान बिना किसी भय के करेंगे तभी सही मायने में किसी देश का लोकतंत्र भी सुरक्षित रह सकता है. भारत में ये अहम जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती हैं, मुख्य चुनाव आयुक्त इसके मुखिया होते हैं. आप ये भी कह सकते हैं कि इनके कंधों पर ही देश का इलेक्शन सिस्टम का दारमोदार होता है.
भारत में चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है जिसका गठन पूरे देश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए किया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती हैं. चुनाव आयुक्त का पद जितना अहम होता हैं उन्हें सुविधाएं भी उसी स्तर की दी जाती हैं. आईए आपको बताते हैं कि चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ इंडिया को कितनी सैलरी मिलती है और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त का वेतन
देश में मुख्य चुनाव आयुक्त का रुतबा ही अलग है. उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) का होता है. वेतन के मामले में भी वो किसी से कम नहीं हैं. चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समान ही सम्मान और वेतन मिलता है. साल 2018 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन 2 लाख 50 हजार रुपए वेतन कर दिया गया था. इसके साथ ही चीफ जस्टिस के वेतन को बढ़ाकर 2.80 लाख रुपये किया गया था. उसी के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त की सैलरी भी की गई थी.
https://www.7thpaycommissioninfo.in की वेबसाइट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त को प्रतिमाह सैलरी के तौर पर 2.50 लाख रुपये दिए जाते हैं. इस वेतन में किसी प्रकार का अलाउंस शामिल नहीं है. वहीं सालाना सैलरी के तौर पर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया 30 लाख रुपये पाते हैं. बता दें कि भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त का पद और उसकी गरिमा काफी बड़ी है. वो मुख्य चुनाव आयुक्त ही होते हैं जो देश भर में छोटे से लेकर बड़े चुनाव तक यानी ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक को सकुशल करवाने की जिम्मेदारी संभालते हैं.
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