मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जिले के करीब बीस हजार कोरोना चैंपियंस से अपील की है कि वह क्रिटिकल कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेट करें. कोरोना से लड़ कर स्वस्थ हो चुका कोई भी व्यक्ति प्लाज्मा का दान कर सकता है. बशर्ते उसे स्वस्थ हुए कम से कम 28 दिन की अवधि बीत चुकी हो. प्लाज्मा का दान करने वाले कोरोना चैंपियन को कोई अन्य बीमारी भी है, तब भी वह प्लाज्मा का दान कर सकता हैं.


डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि जिले में कोविड काल में फिलहाल 21,000 से ज्यादा लोग कोरोना से बीमार हुए. इलाज के बाद 20,000 से ज्यादा लोग स्वस्थ भी हो गए. कोविड के क्रिटिकल मामलों में प्लाज्मा समय से मिल जाए, तो जान बचाना आसान होगा और मृत्यु दर को अत्यधिक कम किया जा सकेगा. विभागीय स्तर से कोरोना चैंपियंस को इसके लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि लोग स्वतः स्फूर्त चेतना से भी सामने आएं.


शरीर में इम्युनिटी डेवलप होने में 28 दिन लगते हैं


कोरोना चैंपियंस के शरीर में 28 दिनों में इम्युनिटी डेवलप हो जाती है. ऐसे में अगर उनके प्लाज्मा को मरीज के शरीर में इस्तेमाल कर इलाज किया जाए, तो वह भी आसानी से ठीक हो सकता है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि बीआरडी मेडिकल कालेज से उनके पास प्लाज्मा के लिए मांग भी आ रही है. कोरोना चैंपियंस इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं. जो लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं, वह अपना विवरण कार्यालय में दर्ज करवा दें. जब भी आवश्यकता होगी, उन्हें संपर्क कर बुलवाया जाएगा.


प्लाज्मा थेरेपी से बची हैं कई जानें 


गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी ने बहुत से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान बचाई है. ऐसे में प्लाज्मा दान करने से जहां लोगों की जान बच सकती है. तो वहीं प्लाज्मा दान करने से स्‍वास्‍थ्‍य महकमे के पास कोरोना के इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जरूरतों पर प्लाज्मा देने में भी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी.


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