World Health Organization: देश और दुनिया में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन तेज़ी से फैल रहा है और लोगों को अपना शिकार बना रहा है. वहीं डेल्टा वेरिएंट की बात करें इसका कहर अब भी जारी है, कोरोना के बढ़ते रफ्तार के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को कोरोना के इलाज के लिए दो दवाएं बताई है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ये दवाएं गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इन दवाओं से किया जाएगा इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिन दो दवाओं के इस्तेमाल की बात कही है उनका नाम है कासिरिविमैब और बारिसिटिनिब इन दवाओं का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर किया जाएगा, वहीं सामान्य तौर पर इनका इस्तेमाल आर्थराइटिस के इलाज में किया जाता है.
एक साथ न करें दोनों दवाओं का इस्तेमाल
इन दवाओं के इस्तेमाल को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है की ये दवाई किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं करती है, जिससे मरीज की जान को जोखिम नहीं रहता है अगर इस दवा का इस्तेमाल किया जाए तो किसी भी मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अगर आपके पास यह दवाएं उपलब्ध है और आप किसी बीमारी से ग्रसित नहीं है तो आप यह दवा खा सकते हैं लेकिन ध्यान रहे एक साथ दोनों का इस्तेमाल ना करें.
ट्रायल के बाद डब्ल्यूएचओ ने की है सिफारिश
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 4000 सामान्य और गंभीर मरीजों पर 7 बार इन दवाओं का ट्रायल किया है ट्रायल के बाद जो नतीजे आए हैं उसके आधार पर डब्ल्यूएचओ ने इन दोनों दवाइयों की सिफारिश की है, डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए और कोरोना के मैनेजमेंट के लिए इन मरीजों पर यह ट्रायल किया था जिससे मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर उन्हें सही दवा दे पाए. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी बताया कि यह दवाएं ओमिक्रोन पर कितना असरदार होगी इसके बारे में फिलहाल कहा नहीं जा सकता है. लेकिन स्टीरॉयड के साथ अगर इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाए तो ये गंभीर मरीजों पर असरदार साबित हो सकती है.
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