लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 1986 नए मामले सामने आए जबकि 24 और मौतों के साथ मृतकों का आंकड़ा शनिवार को 1108 पहुंच गया. अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस समय 17264 मरीजों का इलाज चल रहा है.


अब तक 28664 लोगों को अस्पताल से किया गया डिस्चार्ज


इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 28664 लोगों को ठीक होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है. पिछले 24 घंटे के दौरान 24 और मौतें होने से कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या बढकर 1108 पहुंच गयी है जबकि 1986 नये मामले सामने आए .


अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि इस समय राज्य में विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों के पृथक वार्ड में 17267 लोग भर्ती हैं. पृथकवास केन्द्रों में 4115 लोग हैं, जिनके सैम्पल लेकर जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राज्य में 46769 सैम्पल की जांच की गयी. अब तक कुल 14 लाख 26 हजार 303 सैम्पल जांचे जा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'बहुत जल्द हमने जांच में 12 लाख के आंकड़े को पार किया था और चार-पांच दिन के भीतर ही हमने आज 14 लाख का आंकडा पार कर लिया. बहुत बडी संख्या में रोज प्रदेश में टेस्टिंग का काम चल रहा है. आरटीपीसीआर, एंटीजन और ट्रूनेट के माध्यम से प्रदेश में निरंतर जांच करायी जा रही है.’’


निगरानी का काम लगातार जारी- अपर मुख्य सचिव


अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार उपयोग किया जा रहा है और उसके जरिए जिन लोगों को एलर्ट आए ऐसे 3 लाख 4 हजार 635 लोगों को स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन कर उनका हालचाल लिया गया. उन्होंने बताया कि निगरानी का कार्य लगातार चल रहा है और कुल 30, 366 निषिद्ध क्षेत्रों में 1 करोड़ 25 लाख 47 हजार 145 घरों में 6 करोड़ 39 लाख 50 हजार 402 लोगों की निगरानी की गई है. यह इसलिए होता है कि किसी में लक्षण तो नहीं आ रहे हैं.


अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि बारिश के मौसम में वातावरण में आर्द्रता बढ़ जाती है . पहले हम कहते थे कि छींकने और खांसने से बूंदें (ड्रापलेट) निकल रही हैं लेकिन ऐसे मौसम में अब बात करने से भी ड्रापलेट निकलते हैं इसलिए दो गज की दूरी बनाये रखिए, मॉस्क, गमछा, दुपटटा या रूमाल से नाक और चेहरा ढांकिये, साबुन पानी से लगातार हाथ धोते रहिए.


लगातार बन रहे हैं कोविड हेल्पडेस्क


प्रसाद ने बताया कि कोविड हेल्पडेस्क भी निरंतर बन रहे हैं . लगभग 50 हजार कोविड डेस्क स्थापित हो चुके हैं. ये काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं. नॉन कोविड केयर पर भी हमारा ध्यान है. संचारी रोग महीना चल रहा है, उस पर भी हमारा ध्यान है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में ट्रूनूट मशीनें लगायी गयी हैं ताकि किसी की सर्जरी होनी है और संदेह हो कि वह हॉटस्पाट एरिया से आया है या किसी कोविड पाजिटिव का करीबी रहा है तो उसकी जांच की जाती है ताकि ताकि इलाज किया जा सके.


इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि रोग मुक्त सभी व्यक्तियों की केस हिस्ट्री का अध्ययन कर चिकित्सक और शोध करें. मुख्यमंत्री ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या में बढोतरी के निर्देश दिये हैं. हर जिले में इसकी किट दी जा रही है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि आवश्यकता हो तो एंबुलेंस की संख्या बढ़ायी जाए. कोविड संक्रमण के सभी पहलुओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए हर जिले में इंटी कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाए.


अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दो दिन प्रदेश में बाजार बंद किया जाता है. कुछ प्रतिबंध लगाये जाते हैं, जो जागरूकता फैलाने के लिए होते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के संबंध में व्यापक एवं प्रभावी कार्रवाई का निर्देश दिया है. एंटी लार्वा रसायनों का छिडकाव और फॉगिंग का निर्देश सभी जिलों को दिया है.


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