श्रीनगर: डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर ने बुधवार को दावा किया कि घाटी में कोरोना वायरस संक्रमण से जितनी मौत के आंकड़े दिखाए जा रहे हैं, असल में उसकी संख्या उससे कहीं ज्यादा है. एसोसिएशन ने दावा किया है कि कोविड-19 से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा वास्तविकता से कम है और सही मौतों की सिर्फ झलक दिखाता है.


एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर निसार उल हसन ने कहा, ‘‘कश्मीर में कोविड-19 से होने वाली कई मौतों की सूचना नहीं दी जाती’’ हसन ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षणों वाले कई लोग इससे जुड़े कलंक और परिवार के सदस्यों को आइसोलेशन  में भेजे जाने के डर से खुद का परीक्षण नहीं करवाते हैं. उन्होंने बताया, ‘‘सामाजिक कलंक लोगों को अपनी बीमारी छुपाने पर मजबूर कर रहा है और उन्हें इलाज से दूर रख रहा है.’’


हसन ने कहा कि लोगों में इस बात का भी डर है कि अगर उनकी मौत कोविड-19 से हुई तो उनका सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार भी नहीं होगा.उन्होंने दावा किया, ‘‘इसके कारण लोग चुपचाप घर में ही मरना पसंद कर रहे हैं.’’
हसन ने कहा कि एक दिक्कत यह भी है कि लोगों को अब भी लग रहा है कि कोरोना वायरस मनगढ़ंत है और ऐसा कोई खतरा नहीं है.


कोरोना संक्रमितों की संख्या 11 हजार पार


जम्मू-कश्मीर में बुधवार तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 11, 173 पहुंच गई . वहीं इस संक्रमण के कारण अब तक 195 लोगों की मौत हो चुकी है. राहत की खबर यह है कि राज्य में छह हजार से ज्यादा कोरोना मरीज़ ठीक भी हो चुके हैं.


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