बेंगलुरू : क्या कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू देश में कोरोना का नया स्पॉट बन रहा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि पिछले एक हफ्ते से आ रहे आंकड़े काफी डरावने और चिंताजनक है. जिस बेंगलुरू की देश भर में कोरोना वायरस मैनेजमेंट को लेकर तारीफ हो रही थी वही अब सवालों के घेरे में है.


कोरोना वायरस के मामलों में 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लगातार शहर में आंकड़े 1000 को छू रहे हैं. रविवार को करीब 1200 तो वहीं सोमवार को  981 केस सामने आए, मंगलवार को 800 और बुधवार को 1100 के करीब आंकड़ा सामने आया. जिस बेंगलुरू में पिछले महीने 500 से भी कम मामले आए थे वहां लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं.


बेंगलुरू  में पिछले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में हुई बढ़ोतरी देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महानगरों दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से भी अधिक रही है. पिछले तीन दिनों में दिल्ली में जहां संक्रमण की वृद्धि दर 2.6 रही, वहीं चेन्नई में यह 2.9 रही और मुंबई में एक फीसदी रही. जबकि बेंगलुरू  में यह 15.7 फीसदी रही.


सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बेंगलुरू में सबसे कम रिकवरी रेट है. यानि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के आंकड़ा यहां कम है. बेंगलुरू  में रिकवरी रेट 14.7 फीसदी जो कि दिल्ली के 71.7 फीसदी, चेन्नई के 62 फीसदी और मुंबई में 66 फीसदी के मुकाबले बेहद कम है.


मृत्युदर की बात करें तो यह लगभग 1.55 फीसदी है जो कि राष्ट्रीय मृत्यु दर 2.82 की तुलना में बेहतर है. बेंगलुरू  में अभी तक 12509 केस सामने आए है, जिनमें से 10103 एक्टिव केस हैं जबकि 177 लोगों की मौत हुई है.


इसका अहम कारण इंटर स्टेट ट्रैवल हिस्ट्री, टेस्ट रिजल्ट समय पर न आना और साथ ही क्वॉरन्टीन में ढील मानी जा रही है. आरोप है कि टेस्ट करवाने के बावजूद शहर में लोगों के टेस्ट रिजल्ट करीब 10 से 12 दिनों तक नहीं आ रहे हैं. उधर दोबारा लॉकडाउन पर सीएम येदियुरप्पा ने साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना के साथ रहना सीखना होगा. सरकार हर मुमकिन कदम उठा रही है.


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