Haryana News: मातृभाषा हिंदी जो हिंदुस्तान की एक पहचान है. इसी हिंदी को बचाने के लिए जहां देशभर में प्रयास होते रहते है. उन्हीं प्रयासों की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए अब हरियाणा में एक नया आदेश पारित हुआ है. हरियाणा की निचली अदालतों में अब अगले साल एक अप्रैल से सभी आदेश हिंदी में पारित किए जाएंगे. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस संबंध में हरियाणा सरकार के सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग को अब इसके लिए मंजूरी दे दी है.


हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में किया गया संशोधन
हरियाणा सरकार ने मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों और अधिकरणों में हिंदी भाषा के उपयोग के संबंध में यह अहम फैसला लिया गया है. हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के संशोधन करने के प्रस्ताव को हरियाणा सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा हरियाणा राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 2020 की धारा 1 की उप-धारा (2) के अधीन प्रयोजनों के उपयोग के लिए जारी अधिसूचना को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अनुमति दी है.


आम जनमानस के लिए लिया गया फैसला
सरकार ने जनमानस की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया है. हरियाणा में अधिकतकर लोग हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं,  इसलिए किसी भी काम का हिंदी में प्रचार-प्रसार होना जरूरी है. सरकार के अपने बयान में कहा गया कि लोकतंत्र में न्याय का उद्देश्य यह है कि वादी को उसकी अपनी भाषा में तुरंत न्याय मिले और वह कार्यवाही के दौरान केवल मूक दर्शक बनकर न रहे.  इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए हरियाणा कैबिनेट ने जनवरी में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब उच्च न्यायालय के अधीनस्थ और राज्य सरकार द्वारा गठित सभी न्यायाधिकरणों द्वारा हिंदी की देवनागरी लिपि में काम किया जाएगा.  हरियाणा सरकार के इस फैसले की अब राज्य के आम जनमानस में तारिफ की जा रही है.


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