बिहार के आईपीएस ऑफिसर ने कैसे जीती कोरोना से जंग, बताए अपने अनुभव और दिए सुझाव
दरभंगा के एसएसपी बाबू राम ने दो हफ्ते में कोरोना को हरा दिया. इस दौरान उन्होंने अपने खान-पान में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे खुद को नकारात्मकता से बचाया, इसका अनुभव साझा किया है.
दरभंगा: बिहार के आईपीएस ऑफिसर और दरभंगा एसएसपी बाबू राम कोरोना की चपेट में आए थे और अब वे इससे जंग जीत चुके हैं. बाबू राम की पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन इसके बाद भी उनका शरीर ठीक महसूस नहीं कर रहा था. तब जाकर उन्होंने दोबारा टेस्ट कराया जिसमें पॉजिटिव होने की बात सामने आई.
कोरोना से लड़ाई का का अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है. डॉक्टर और परिवार के लोगों से उचित दूरी बनाकर रखना चाहिए. इस बीमारी में घर वालों के साथ नहीं रह सकते. ऐसे में अकेलेपन से दिमाग में नकारात्मक विचार बढ़ता है.
बाबू राम ने बताया, “28 मई गुरुवार को मेरा सैंपल लिया गया और 29 मई शुक्रवार को मेरा कोरोना टेस्ट पोजिटिव पाया गया. दो दिनों में मेरा वजन 59 किलो से घटकर 57 किलो हो गया. थोड़ी बुखार हुई, रात में ठंड और कमजोरी लगी. घबराहट हुई. रात में परेशानी बढ़ जाती थी. पहले दिन सिर में दर्द हुआ हालांकि दूसरे और तीसरे दिन सिर दर्द नहीं हुआ लेकिन इसके बाद कई दिन सिर में दर्द हुआ.’’
वे आगे बताते हैं, ‘’मुझे 1 जून को सुबह से ही बुखार था. 2 जून सुबह से बेचैनी और घबराहट बढ़ गई, कमजोरी महसूस होने लगी. मैं डर गया. मैंने डॉक्टर को फोन किया. डॉक्टर ने पहली बार मेरी जांच की. मेरा बीपी और शुगर नाश्ते के बाद भी कम पाया गया. दोपहर तक सब सामान्य हो गया, रात में सर दर्द हुआ तो मैंने 2 ग्लास पानी में चीनी और नमक का घोल पिया, जिसके बाद दर्द ठीक हो गया. 3 जून को ब्लड सैंपल लिया गया, जिसमें शुगर की मात्रा 80 पाई गई. 4 जून को मैं सुबह 8 बजे जगा. थोड़ी कमजोरी और बुखार का एहसास हुआ तो मैंने 2 ग्लास पानी इलेक्ट्रॉल पाउडर के साथ पी गया. फिर स्थिति सामान्य हो गई. मैं समझ गया कि घबराहट और कमजोरी का एक कारण खून में शुगर की कमी है, जिससे कमजोरी भी होती है. मैंने 4-5 बार इलेक्ट्रोल लेना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी फायदा हुआ.’’
बाबू राम ने कहा, ‘’पहले दिन की जांच के बाद मैंने अपना खाना दोगुना कर दिया. तीन समय के भोजन के अलावे मैंने अपने खाने में 8 अंडे, 5-6 ग्लास संतरे का जूस, नारियल पानी और दूध लेना शुरू कर दिया. गिलोय-तुलसी काढ़ा सुबह-शाम, गर्म पानी में नमक और फिटकिरी का गलाला हर 2 घंटे के अंतराल पर किया.’’ उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक होने में उन्हें दो हफ्ते लगे. उन्होंने कहा कि बेचैनी और घबराहट से निजात पाने के लिए ध्यान और योग जरूरी है. सकारात्मकता के लिए भगवान पर भरोसा रखें.
इसके साथ ही एसएसपी ने संक्रमित मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर कुछ सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के साथ डॉक्टर के संवाद के लिए वीडियो कॉल की सुविधा होनी चाहिए. एक डॉक्टर 24x7 उपलब्ध रहे. इससे मरीज डॉक्टर से अपनी समस्या बता सकेंगे. डॉक्टर भी बिना किसी डर के पर्याप्त समय देकर मरीज की समस्या सुनेंगे, उसको दवाई और खानपान की सलाह देंगे. साथ ही उसकी मनोवैज्ञानिक कॉउंसलिंग भी कर सकेंगे. इससे मरीज के अंदर सकारात्मक भावना बढ़ेगी जिससे उसका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और उसकी रिकवरी जल्दी होगी.
बाबू राम ने कहा कि ऑक्सीजन सैचुरेशन, फेफड़े के साथ-साथ मरीज के बीपी, शुगर, वजन आदि को भी मोनिटर करना चाहिए. कमज़ोरी के कारण बीपी, शुगर आदि कम होने से मरीज में घबराहट और नकारात्मक सोच पैदा हो सकती है. अच्छी प्रोटीन डाइट और विटामिन सी युक्त चीजें बहुत जरूरी हैं. मरीज की इच्छा अनुसार ये चीज़े उसे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए.
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