नई दिल्लीः देश में नई शिक्षा नीति (NEP) के एलान के अलावा दिल्ली सरकार भी शिक्षा व्यवस्था में और सुधार के लिए प्रयास कर रही है. इसको लेकर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, इसमें दिल्ली के अलग स्कूल शिक्षा बोर्ड (School Education Board) की प्रगति और पाठ्यक्रम सुधार की स्थिति पर चर्चा हुई. NEP के एलान के बाद दिल्ली शिक्षा विभाग की ये पहली बैठक थी.
फ्रेमवर्क तैयार करने में समयसीमा का ध्यान रखेंः सिसोदिया
शनिवार 22 अगस्त को उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में उन समितियों की बैठक हुई, जो राज्य में स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में सुधार पर काम कर रही हैं. सिसोदिया ने इन समितियों के काम की प्रगति की समीक्षा की.
दिल्ली के वार्षिक बजट में अलग शिक्षा बोर्ड के गठन के एलान के बाद ये दूसरी समीक्षा बैठक थी. इसमें वो समिति भी शामिल थी, अलग शिक्षा बोर्ड के गठन की रूपरेखा तैयार कर रही हैं. इस दौरान सिसोदिया ने इस बात पर जोर दिया कि इन सभी तैयारियों को पूरा करने में समयसीमा का ध्यान रखना जरूरी है.
सिसोदिया ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले सत्र से 14 साल तक के बच्चों के लिए नया स्कूली पाठ्यक्रम तैयार करना है, इसलिए वक्त पर इनकी रूपरेखा तैयार करनी होगी.
'थर्ड पार्टी मूल्यांकन को खत्म करने की रूपरेखा करें तैयार'
सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश की नई शिक्षा प्रणाणी का उद्देश्य छात्रों को ईमानदार, खुशहाल, सच्चा और बड़ी सोच रखने की प्रवृति का निर्माण करना है. उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसी रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए अगले चरण की शिक्षा के लिए एटीट्यूड-स्किल और रेडीनेस पर आधारित हो.
इसके साथ ही सिसोदिया ने सतत मूल्यांकन को स्कूल आधारित बनाने की भी बात की. उन्होंने कहा, “समिति को स्कूल में ही सतत मूल्यांकन प्रणाली की सिफारिश करनी चाहिए और एक ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए जिससे थर्ड पार्टी द्वारा शैक्षिक नतीजों के अर्जन के मूल्यांकन को खत्म किया जा सके.”
सिसोदिया ने हाल ही में कहा था कि अगले शैक्षणिक सत्र से दिल्ली में अपना स्कूल एजुकेशन बोर्ड लागू किया जाएगा.
ये भी पढ़ें
SSR Case: मौत से एक दिन पहले नहीं हुई सुशांत के फ्लैट में पार्टी, पड़ोसी महिला ने किए कई अहम खुलासे