Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway full detail ) के प्रथम फेज में सोहना (हरियाणा) से दौसा जिले के बड़ का पाड़ा तक 228 किमी. का निर्माण कार्य पूरा हो गया. जिसका उद्घाटन 12 फरवरी को होना है। यह आगरा एक्सप्रेस-वे (Agra Lucknow Expressway ) से बहुत अलग और यात्रियों के लिए सस्ता है. एक तरफ जहां आगरा एक्सप्रेस-वे पर 2. 45 रूपये प्रति किमी टोल लगता है. वहीं इसपर मात्र 65 पैसे ही प्रति किमी लगेगा.


नांगल राजावतान स्थित मीणा पंच अथाई में दिल्ली-दौसा खंड का पीएम उद्घाटन कर सकते हैं. इसके शुरू होने से दौसा से दिल्ली पहुंचने में डेढ़ से 2 घंटे ही लगेंगे. राजस्थान में दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की कुल 374 किमी लम्बाई, 16,600 करोड़ रूपये खर्च किया जाएगा. इसमें राजस्थान के कई जिले शामिल हैं.


इस एक्सप्रेस-वे की ये है खासियत


यह एक्सप्रेस वे पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरों के नियंत्रण में होगा. प्रत्येक आधा किलोमीटर पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. सफर को आरामदायक बनाने के लिए दिल्ली से मुंबई के बीच 93 रेस्ट एरियां बनाए गए हैं. एक से दूसरे रेस्ट एरिया के बीच 50 किमी का फासला होगा. जर्मन तकनीक से यह एक्सप्रेस वे बनाया गया है. बूंदी और सवाईमाधोपुर जिले में पांच ओवरपास बनाए जा रहे हैं. ऐसा करने वाला यह देश का अकेला एक्सप्रेस-वे होगा.  आगामी 50 साल को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है. वन्यजीवों के लिए इस हाईवे पर ओवरपास भी होंगे. एशिया का यह पहला ग्रीन ओवरपास हाईवे होगा. आठ लेन के इस एक्सप्रेस वे को 12 लेन तक किया जा सकता है. इसके लिए बीच में जमीन छोड़ी गई है. वर्तमान में दिल्ली-मुम्बई के बीच सड़क की दूरी है, वह इस एक्सप्रेस वे की वजह से 130 किमी कम हो जाएगी. इसके लिए पूरी तैयारी हो रही है. 


120 की स्पीड से चलेगी गाड़ी


आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 2. 45 रूपये के हिसाब से टोल वसूला गया है, जबकि इस एक्सप्रेस वे पर चलने का खर्चा 65 पैसे प्रति किमी होगा (इसमें डीजल, पेट्रोल और गाड़ी का खर्चा, नहीं जुड़ा है) दिल्ली से मुम्बई तक इस एक्सप्रेस वे का काम इस साल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस हाईवे पर कारें 120 किलोमीटर की स्पीड से चलेंगी और यह सफर पूरी तरह से 3 आरामदायक होगा. वर्तमान में दिल्ली-मुम्बई के बीच सड़क से सफर करने पर 24 घंटे लगते हैं, जो घटकर 12 घंटे हो जाएंगे. मेडिकल इमरजेंसी के लिए प्रत्येक 100 किमी पर ट्रोमा सेंटर होंगे. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के बराबर में ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का प्लान भी पाइपलाइन में है.


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