Zika Virus in Delhi: केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद जीका वायरस ने अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी दस्तक दे दी है. हाल ही में राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में मच्छर जनित बीमारी के पहले मामले की पुष्टि हुई है. टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के शादीपुर के एक 61 वर्षीय व्यक्ति को पिछले सप्ताह नवंबर में बुखार और मांसपेशियों में दर्द के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल की वायरोलॉजी लैब में आरटी-पीसीआर द्वारा व्यक्ति के सीरम, यूरीन और गले के स्वाब के नमूनों की रेंडम स्क्रीनिंग से उसमें जीका वायरस आरएनए की उपस्थिति का पता चला है.


सैंपल एम्स और पुणे भेजा गया था


बता दें कि सैंपल एम्स और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा गया था और दोनों ने जीका वायरस आरएनए की उपस्थिति की पुष्टि की थी. इसके बाद, एक डॉक्टर ने कहा, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसियों को उस क्षेत्र में निगरानी उपायों को बढ़ाने के लिए एक अलर्ट जारी किया गया था जहां मरीज रह रहा था.


जीका संक्रमण गर्भवती महिला से उसके गर्भ में भी जा सकता है


आरएमएल ने सभी विभागों को नोटिस जारी किया है कि जीका वायरस के संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों पर नजर रखें, जैसे बुखार, दाने, कंजक्टिवाइटिस और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द. नोटिस में कहा गया है, "गर्भावस्था के दौरान जीका संक्रमण से शिशुओं का जन्म माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है.संक्रमण गर्भावस्था की अन्य जटिलताओं से भी जुड़ा है, जिसमें समय से पहले जन्म और गर्भपात भी शामिल है." बता दें कि जीका वायरस का संक्रमण ज्यादातर संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर (इजिप्टी और एल्बोपिक्टस) के काटने से फैलता है, जो दिन और रात में काटते हैं. संक्रमण गर्भवती महिला से उसके गर्भ में भी जा सकता है.


इस साल देश में जीका वायरस के 231 मामले पाए गए


गौरतलब है कि 30 नवंबर को राज्यसभा में दिए गए एक स्टेटमेंट में जिक्र किया गया था कि भारत ने इस साल उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र से जीका वायरस के 231 मामले दर्ज किए हैं. बीमारी से किसी की मौत की सूचना नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया था कि केरल से 83, महाराष्ट्र से एक और यूपी से 147 मामले सामने आए हैं. गौरतलब है कि इस वायरस को पहली बार 1947 में खोजा गया था और इसका नाम युगांडा के जीका जंगल के नाम पर रखा गया है. 1952 में, जीका के पहले मानव मामलों का पता चला था और तब से उष्णकटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में इसका प्रकोप बताया गया है.


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