Kargil To Delhi Cycle Yatra: 12 साल के आरव ने साइकिल से कारगिल वॉर मेमोरियल, कारगिल से नेशनल वॉर मेमोरियल दिल्ली की यात्रा पूरी की. 1250 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को साइकिल से पूरा करने में आरव को 13 दिन लगे. इस यात्रा में आरव का साथ उनके पिता अतुल भारद्वाज ने दिया और खुद भी पूरे रास्ते साइकिल चलाई. 


आज दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचने पर आरव को सेना के अधिकारी ने साइकिल यात्रा पूरी करने पर मेडल देकर सम्मानित किया. आरव ने कहा कि यह यात्रा कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए वीरों को समर्पित करता हूं. यात्रा को सफल बनाने के लिए इंडियन आर्मी, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और लोकल पुलिस के सपोर्ट के लिए उन्होंने शुक्रिया कहा.  आरव और उनके पिता ने यह साइकिल यात्रा बीते 27 जुलाई को कारगिल से शुरू की थी और आठ अगस्त को दिल्ली में समाप्त की. 


'साइकिल यात्रा कारगिल के शहीदों को समर्पित' 


आरव इस यात्रा के बारे में बताते हैं कि यात्रा करते बहुत अच्छा लगा. यह यात्रा कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए वीरों को समर्पित करता हूं. ये वाली यात्रा ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि इसमें ऊंचाई पर साइकिल चलानी पड़ी थी.  आरव ने चुनौतियों के बारे में बताया कि पहले दिन बहुत तेज हवाएं चल रहीं थीं. कई जगह रोड भी खराब थी. इसलिए बहुत ध्यान से साइकिल चलानी पड़ी और ऊंचाई के कारण सांसे भी फूल रही थी. कई जगह धूप, बारिश और आंधी का भी सामना करना पड़ा. 


आरव ने दो साल पहले मणिपुर से दिल्ली तक की यात्रा की थी. अब कारगिल से दिल्ली तक यात्रा साइकिल से की है. यह पूछे जाने पर दोनों में से कौन सी ज्यादा चुनैतीपूर्ण लगी. इस सवाल के जवाब में आरव ने कहा, 'कारगिल से दिल्ली वाली यात्रा ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी, क्यूंकि इसमें ऊंचाई पर साइकिल चलानी थी'. 


बच्चों से आरव की अपील


आरव ने कहा कि वो बड़े होकर डिफेंस सर्विस में जाना चाहते हैं. आरव ने बताया कि इस साइकिल यात्रा के दौरान उन्हें पूरी फैमिली, इंडियन आर्मी, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, लोकल पुलिस का भी बहुत सपोर्ट मिला. उन सबको बहुत शुक्रिया. बच्चों को मेसेज देते हुए आरव ने कहा, 'वो देश का नाम रौशन करें. चाहे आर्मी से या ओलिंपिक के माध्यम से'. 


दोनों यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं - अतुल


कारगिल से वार मेमोरियल दिल्ली तक सफर के दौरान आरव का साथ देने वाले उनके पिता अतुल भरद्वाज ने कहा कि सफर थोड़ा मुश्किल था, लेकिन आरव ने दृढ़ निश्चय के दम पर इसे पूरा कर दिखाया. पिछली बार 2500 किलोमीटर की यात्रा की थी. इस बार 1250 किलोमीटर की यात्रा की. दोनों यात्रा चुनौतीपूर्ण थी.  


अतुल बताते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और इंडियन आर्मी ने ही कारगिल में फ्लैग ऑफ किया था और क्लोजिंग सेरेमनी में इंडियन आर्मी और मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अधिकारी मौजूद थे.