Delhi: 18 हजार से ज्यादा लोगों को साढ़े 3 साल बाद मिला मालिकाना हक, लेकिन ना नक्शे पास हो रहे, न कर पा रहे बदलाव
दिल्ली में साढ़े 18 हजार लोगों को ही पिछले साढ़े 3 वर्षों की अवधि में कनवेयन्स डीड दिया जा सका है. लोगों को इस कारण डीडीए अधिकारीयों से शिकायत है तो डीडीए इसका ठीकरा इसकी जटिल प्रक्रियाओं पर फोड़ रही है.
Delhi News: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने साल 2019 में दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को संपत्ति का मालिकाना हक देने की स्कीम की शुरुआत की थी. बावजूद इसके अब तक इस स्कीम के अपेक्षित लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है. पिछले साढ़े तीन वर्षों की अवधि में महज साढ़े 18 हजार लोगों को ही कनवेयन्स डीड दिया जा सका है. जहां लोगों को इस कारण डीडीए अधिकारियों से शिकायत है तो वहीं डीडीए इसका ठीकरा इसकी जटिल प्रक्रियाओं पर फोड़ रही है, जिसे आसान बनाने की कोशिश की जा रही है.
केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री स्कीम की शुरुआत
बतातें चलें की 29 अक्टूबर 2019 को इस स्कीम की शुरुआत केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी ने की थी. उस दौरान उन्होंने कहा था, '40 लाख लोग अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं और इस स्कीम की वजह से न केवल अनधिकृत कॉलोनियों का बेहतर तरीके से विकास हो पाएगा, बल्कि यहां रहने वाले लोग इसके आधार पर बैंक से लोन भी ले पाएंगे.' हालांकि इस स्कीम के तहत मालिकाना हक के लिए आवेदन करने वाले लोगों का कहना है कि मालिकाना हक पाने की प्रक्रिया काफी जटिल है. फिर भी जो लोग इसके लिए प्रयास करते हैं, वो अधिकारियों की शिथिलता की वजह से कामयाब नहीं हो पाते हैं. जिस कारण ज्यादातर आवेदन अस्वीकृत हो जाते हैं.
स्कीम को अपेक्षा के अनुरूप अब तक सफलता नहीं
डीडीए के सूत्रों के अनुसार, PM उदय योजना के तहत मालिकाना हक देने के प्रक्रिया में ज्यादातर वो अधिकारी होते हैं, जो डीडीए में 2-3 साल की प्रतिनियुक्ति पर आते हैं, और उनकी जवाबदेही बहुत कम होती है. इसलिए इस स्कीम को अपेक्षा के अनुरूप अब तक सफलता नहीं मिल पाई है.
नेता प्रतिपक्ष ने एलजी को कराया समस्याओं से अवगत
लोगों की इससे जुड़ी समस्याओं को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एलजी वी.के. सक्सेना से मुलाकात की और उन्हें इसके बारे में अवगत कराया. उन्होंने बताया कि जिन अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करके लोगों को मालिकाना अधिकार दिया गया है. उनके नक्शे पास नहीं हो रहे हैं. लोग न तो मकान बनवा पा रहे हैं और न ही कोई बदलाव करवा पा रहे हैं. उन्होंने एलजी से मांग करते हुए कहा कि वो लोगों की इस समस्या को देखते हुए ऐसे निर्देश दें, जिससे की राजधानी में नियमित की गई अनधिकृत कॉलोनियों में बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार वहां रहने वाले लोग मकान बनवा और बदलाव करवा सकें.
PM उदय योजना के तहत मिले मालिकाना हक
नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने एलजी से यह भी मांग की है कि सैनिक फार्म जैसी कॉलोनी को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार नियमित किया जाए. 67 कॉलोनियों को PM उदय योजना के तहत मालिकाना हक दिया जाए. साथ ही उन्होंने देहात के लोगों के फायदे के लिए DDA की लैंड पुलिंग पॉलिसी और जीडीए पालिसी को तुरंत लागू करने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने ओ-जोन में डाले गए 200 गांवों और कॉलोनियों को भी उससे बाहर किये जाने की जरुरत पर जोर दिया.
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