Delhi News: 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली पुलिस के 23 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. विशिष्ट सेवाओं के लिए 3 पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, वीरता के लिए 3 पुलिस अधिकारियों को पुलिस पदक और 17 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.
3 अधिकारी हुए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित
राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किए गए 3 अधिकारियों में विशेष पुलिस आयुक्त डेविड लालरिनसांगा, विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह और पूर्व एसआई रमेश सिंह शामिल है.
A. विशेष पुलिस आयुक्त डेविड लालरिनसांगा दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला यूनिट और संघ शासित राज्यों में अपने दायित्व को सफलतापूर्वक निभा चुके हैं, उन्होंने विभाग में एक सकारात्मक प्रशासनिक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है, दिल्ली पुलिस में भर्ती के दौरान महिलाओं और लड़कियों को निशुल्क आत्मरक्षा प्रशिक्षण में उनके द्वारा दिए गए सहयोग और मार्गदर्शन को काफी सराहा गया.
B. विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह जो कि उपायुक्त पुलिस दक्षिण-पश्चिमी जिला, दक्षिण-पूर्वी जिला, संयुक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय, पश्चिमी परिक्षेत्र, राष्ट्रपति भवन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पूरी निष्ठा और सफलता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन करती आई है, उन्होंने अंडमान निकोबार में भी अपनी सेवाएं दी है, और वर्तमान में वह विशेष पुलिस आयुक्त मुख्यालय के पद पर दिल्ली पुलिस के प्रशासनिक कार्य और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे है.
C. पूर्व एसआई रमेश सिंह जो कि साल 1982 में कॉन्स्टेबल पद पर भर्ती हुए और साल 2000 में हेडकां, 2015 में एएसआई तथा 2020 में तदर्थ आधार पर एएसआई पद पर पदोन्नत हुए, इसके बाद साल 2015 में उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया, अपने सेवाकाल के दौरान रमेश सिंह ने प्रॉसीक्यूशन ब्रांच और बाहरी जिला सहित कई जिला/ यूनिटों में सफलता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन किया.
वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित
उपायुक्त पुलिस संजीव यादव, एसीपी जसबीर सिंह और एसआई रवि तुषीर शामिल हैं. इन तीनों जवानों को इनकी वीरता और साहसिक कार्य के लिए यह सम्मान दिया गया है दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 5 सितम्बर , 2020 को पुलिस टीम को एक पुख्ता सूचना मिली थी कि बब्बर खालसा आतंकवादी संगठन के दो सक्रिय आतंकवादी उतरी भारत में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के उद्देश्य से दिल्ली में घुस गये हैं, पुलिस टीम ने दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में अस्त्र - शस्त्र बरामद करते हुए उनके षडयंत्र का पर्दाफाश करने में शानदार सफलता पाई थी.
सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मान
उपायुक्त पुलिस सत्यवान गौतम: देश में पहली बार वर्ष 2007 में शुरू हुए आईपी बेरड पीए -100 सिस्टम की शुरूआत करने में एस . के . गौतम ने अहम् भूमिका निभाई, उन्होंने वर्ष 2018-19 में शुरू हुई गृहमंत्रालय के मेगा प्रोजेक्ट ईआरएसएस ( इमरजेंसी रेस्पांस सप्पोर्ट सिस्टम- 112 ) को क्रियान्वित करने में भी अहम् भूमिका निभाई है. उपायुक्त पुलिस ट्रैफिक के तौर पर काम करते हुए उन्होंने वाहनों में जीआईएस / जीपीएस आधारित ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम शुरू करने पर शानदार पहल की. दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर रेडलाईट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम और ऑवर स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम को लागू करने में उनकी कार्यकुशलता को सराहा गया है, और वर्ष 2010 में शुरू हुए सी फॉर आई (इंटीग्रेडिट कंमाड कंट्रोल कॉआर्डिनेशन एंड कम्यूनिकेशन ) को क्रियान्वित करने में भी उनका सराहनीय योगदान रहा.
एडिशनल डीसीपी पुलिस अमर सिंह मीणाः वर्ष 1989 में शामिल हुए उन्होंने कानून - व्यवस्था एवं यातयात प्रबंधन के दौरान प्रयोग होने वाले वायरलेस सेट डाटा तथा लाइन संचार व्यवस्था को मजबूत करने में अहम् भूमिका निभाई. और कुछ साल पहले शुरू हुए नए आपात नं ईआरएसएस -112 को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में पुलिस परिसरों में ईपीएबीएक्स स्थापित करने में साइबर हाईवे नेटवर्क शुरू करने में भी उनकी भागीदारी को सराहा गया है. और हर साल स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के मौके पर संचार व्यवस्था को मजबूत करने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही है.
एसीपी मख्खन सिंह: साल 1983 में दिल्ली पुलिस में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए मख्खन सिंह अपने प्रारंभिक प्रशिक्षण काल में आल राउंड बेस्ट कैडेट रहे और उन्हें कानून की परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया. उस समय तत्कालीन उपराज्यपाल ने उन्हें सम्मानस्वरूप " शोर्ड ऑफ ऑनर भेंट की, उन्होंने पश्चिमी जिला अपराध शाखा तथा एफआरआरओ में बखूबी अपने कर्तव्यों को अंजाम दिया. इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत होने के बाद अतिरिक्त भ्रष्टाचार निरोधक शाखा , सुरक्षा विदेश मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति थानाध्यक्ष , पीसीआर पर रहते हुए पूरी निष्ठा एवं सपमर्ण भाव से अपने दायित्व का निवर्हन किया है. इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय पेपर लीक मामले को सुलझाने में भी उनकी भूमिका को सराहा गया.
एसीपी संजय कुमार सिंह दिल्ली पुलिस में बतौर एसआई भर्ती हुए, उन्होंने साल 1997 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की वारदात सुलझाने में अहम्भूमिका निभाने पर वर्ष 1998 में बारी से पहले तरक्की प्राप्त की, वर्ष 2000 में दिल्ली व एनसीआर में हुई 30 से अधिक आपराधिक वारदातों में संलिप्त कुख्यात गिरोह सरगना सतबीर उर्फ आचार्य को गिरफ्तार करने पर उन्हें असाधारण कार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया,
एसीपी प्रदीप कुमार आहलुवालिया वर्ष 1989 में बतौर एसआई भर्ती हुए, उन्होंने 2006 में इंस्पेक्टर और 2020 में एसीपी के पद पर पदोन्नत हुए, दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला / यूनिटों के साथ - साथ उन्होंने थानाध्यक्ष इन्द्रपुरी , ओखल औद्योगिक क्षेत्र व जाफरपुर कंला के दायित्व को पूरी कार्यकुशलता के साथ निभाया. वर्तमान में एसीपी सब - डिविजन कालका जी के तौर पर तैनात हैं.
एसीपी जितेन्द्र नारायण झाः दिल्ली पुलिस में बतौर एसआई भर्ती हुए जितेन्द्र नारायण झा वर्तमान में एसीपी ट्रैफिक की भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं, अपनी इंजीनियरिंग और एनफोर्समेंट की शिक्षा के माध्यम से अपने स्टाफ को प्रोत्साहित करने और काम को सुचारू रूप से पूरा करने में उनके मार्गदर्शन को सराहा गया है, एसीपी नॉरकोटिक्स के तौर पर काम करते हुए उन्होंने अवैध मादक द्रव्य पदार्थों की सप्लाई पर अकुंश लगाने में शानदार भूमिका अदा करते हुए 28 कुख्यात सप्लायर्स को गिरफ्तार किया.
इंस्पेक्टर ( टेक्नीकल ) सतनाम सिंह साल 1987 में बतौर रेडियो टेक्नीशियन दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए सतनाम सिंह वर्ष 2004 में एसआई और वर्ष 2017 में इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत हुए, उन्होंने अब तक के अपने बेदाग सेवाकाल के दौरान एक अनुशासित पुलिसकर्मी के तौर पर काम करते हुए सीपीसीआर मैपिंग सेक्शन में अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है.
इंस्पेक्टर ( फिंगर प्रिंट ) अमर पाल वर्माः वर्ष 1985 में एएसआई फिंगर प्रिंट के तौर पर भर्ती हुए अमर पाल वर्मा ने दिल्ली पुलिस फिंगर प्रिंट ब्यूरो में अग्रणीय भूमिका निभाई है, वर्ष 1988 में गृहमंत्रालय के एनसीआरबी व सीएफपीबी द्वारा आयोजित ऑल इंडिया बोर्ड एग्जामिनेशन फॉर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें " खान बहादुर अजीजुल शील्ड से सम्मानित किया गया.
इंस्पेक्टर ( स्टेनो ) पदम सिंहः वर्ष 1986 में हेडका लिपिकीय और 1987 में आशुलिपिक के पद पर भर्ती हुए, अपने लगभग 34 वर्षों के बेदाग सेवाकाल के दौरान इन्होंने हर स्तर की कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों का भरोसा बनाए रखा टंकण एवं आशुलिपिक में पारंगत इंस्पेक्टर पदम सिंह ने समय समय पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा शुरू किये प्रोजेक्ट तथा और सुरक्षा प्रबंधों में बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिया.
इंस्पेक्टर ( बैंड ) राजेन्द्र सिंह वर्ष 1984 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए राजेन्द्र सिंह ने अपने 37 वर्षों के बेदाग सेवाकाल के दौरान पीटीसी प्रथम वाहिनी एवं चतुर्थ वाहिनी में अपनी सेवाओं से प्रभावित किया है, गणतंत्र दिवस , दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस , स्मरणोत्सव दिवस आदि विशेष मौकों पर दिल्ली पुलिस बैंड में उनकी भूमिका को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सराहा है. इसके अलावा हर वर्ष छत्रशाल स्टेडिय में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त की परेड में भी उनकी भागीदारी को विशेष तौर पर सराहा गया है.
इंस्पेक्टर ( स्टेनो ) विवेक शर्माः वर्ष 1991 में हेडकांस्टेबल ( मिनिस्ट्रीयल ) के पद पर भर्ती हुए विवेक शर्मा वर्ष 1995 में स्टेनों के पद पर चयनित हुए,उतर - पूर्वी जिला में हुए साम्प्रदायिक दंगों में तथा कॉमनवेल्थ खेल 2010 में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काम करने के उनके जज्बे को बखूबी सराहा गया, पुलिसकर्मियों की " अपार को सुचारू बनाने में उनकी भूमिका को समय समय पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सराहा है.
एसआई ( ऑप्स ) अनिल कुमार गुप्ता वर्तमान में इंस्पेक्टर वर्ष 1987 में बतौर वायरलैस ऑपरेटर दिल्ली पुलिस में शामिल हुए अनिल कुमार वर्ष 1990 में हेडकांस्टेबल , 2003 में एएसआई तथा 2015 में एसआई पद पर पदोन्नत हुए. दिल्ली पुलिस के विभिन्न नियंत्रण कक्षों में बखूबी अपने दायित्वों को अंजाम देने वाले अनिल कुमार पिछले 14 वर्षों से संचार शाखा में रहकर मजबूत संचार व्यवस्था में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. हर वर्ष गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस के दौरान तथा लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान संचार व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने में उनकी भूमिका को काफी सराहा गया है.
एएसआई श्यामवीर सिंह एएसआई श्यामवीर सिंह ने अपने 31 वर्षों के बेदाग सेवाकाल के दौरान 2 बार बारी से पहले पदोन्नति और असा पुरस्कार प्राप्त कर अपनी पेशेवर कार्यकुशलता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है, कई ईनामी बदमाशों को गिरफ्तार करने , सूत्रहीन मामलों को सुलझाने में और बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में अदम्य साहस व अच्छी सूझबूझ का परिचय देने वाले एएसआई श्यामवीर सिंह को 100 से ज्यादा बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया है.
एसआई निर्मला शर्माः वर्तमान में राष्ट्रपति भवन में तैनात एसआई निर्मला शर्मा देश की प्रथम महिला के साथ " पीएसओ के दायित्व को बखूबी पूरी निष्ठा एवं समपर्ण भाव से निभा रही है, कोविड महामारी के दौरान भी अपनी ड्यूटी के स्थान और आसपास के क्षेत्र में पूरी संजीदगी से अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया.
एसआई ( ड्राइवर ) महेन्द्र पालः वर्ष 1985 में ड्राइवर पद पर भर्ती हुए महेन्द्र पाल वर्ष 1989 में हेडकांस्टेबल ड्राइवर के पद पर पदोन्नत हुए, वर्ष 1992 में एएसआई तथा वर्ष 2013 में तदर्थ आधार पर एसआई ड्राइवर के पद पर पदोन्नत हुए, 1991 में जोर बाग से रोमानिया के राजदूत के अपहरण के मामले में गठित टीम में रहते हुए उन्होंने अपने दायित्व को बखूबी पूरी निष्ठा के साथ निष्पादित किया.
एएसआई ( मेकनिक ) जितेन्द्र सिंह वर्ष 1991 में दिल्ली पुलिस में बतौर एमटी हेल्पर ( कांस्टेबल ) भर्ती हुए एसआई सुनील कुमार वर्ष 2011 में हेडकांस्टेबल पर पदोन्नत हुए, वर्ष 2016 में एएसआई ( ऑप्स ) के पद पर पदोन्नत हुए,उनकी अब तक की बेदाग सेवा के लिए उन्हें कई बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सम्मानित किया.
एसआई ( ऑप्स ) सुनील कुमार वर्ष 1985 में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए सुनील कुमार वर्ष 1988 में हेडकांस्टेबल ( वायरलैस ऑपरेटर ) के तौर पर चयनित हुए,2009 में एएसआई और 20212 में एसआई पद पर पदोन्नत हुए सुनील कुमार ने विभिन्न मौकों पर आयोजित भारी सुरक्षा प्रबंधों के दौरान संचार व्यवस्था बनाए रखने में शानदार भूमिका अदा की.
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