Eye Flu: राजधानी दिल्ली के 27 फीसदी घरों में आई फ्लू का असर! जानें क्या कहते हैं आंकड़े
Delhi Eye Flu: एक सर्वे के दौरान पाया गया कि, पिछले एक सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर के 27% लोगों के घरों में एक या एक से अधिक व्यक्ति आई फ्लू का शिकार हुआ है.
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Delhi Eye Flu: इन दिनों कंजंक्टिवाइटिस (जिसे आई फ्लू या पिंक आई भी कहा जाता है) के मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं. खासकर, दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है. आई फ्लू आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन या फिर एलर्जी से हो सकता है. इन दिनों मौसम में नमी के कारण यह और तेजी से फैल रहा है. यह बीमारी सबसे ज्यादा बच्चों में फैल रही है. डॉक्टरों की माने तो इसका कोई विशेष इलाज नहीं है. यह आमतौर पर 3-5 दिनों तक रहता है, जिस दौरान सफाई बनाए रखना, गंदे हाथों से आंखों को न छूना और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
दिल्ली-एनसीआर के 27% लोगों के घरों तक पहुंचा आई फ्लू
एक सर्वे के दौरान पाया गया कि, पिछले एक सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर के 27% लोगों के घरों में एक या एक से अधिक व्यक्ति आई फ्लू का शिकार हुआ है. दिल्ली एनसीआर में बढ़ी संख्या में लोग डॉक्टर की सहायता ले रहे हैं. कई हिस्सों में जलभराव और बाढ़ के बाद आई फ्लू के गंभीर मामलों अस्पताल और क्लीनिक में पहुंचने लगे हैं. दिल्ली-एनसीआर की जनसंख्या और इस आंकड़े को देखते हुए 27% घरों में एक या अधिक संक्रमित होना दर्शाता है कि संभावित रूप से 7-8 मिलियन लोग हाल में आई फ्लू से पीड़ित हैं.
जानें क्या कहते हैं महाराष्ट्र और कर्नाटक के आंकड़े
दिल्ली के अलावा अगर महाराष्ट्र की बात करें तो सर्वे में पता चला की 17% परिवार पिछले एक हफ्ते से आई फ्लू के चपेट में हैं. बता दें, महाराष्ट्र के कई हिस्से भारी बाढ़, भूस्खलन और जल जमाव से जूझ रहे हैं. मौसम में नमी होने के कारण यह बीमारी अपना पैर वहां भी फैला रहा है. आंकड़ों की माने तो 7% घरों में 4 या चार से अधिक व्यक्ति आई फ्लू से प्रभावित हैं. वहीं 3% परिवारों में 2-3 व्यक्ति को आई फ्लू हुआ है. वहीं देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में 8% लोगों के घरों में 4 या चार से अधिक सदस्य आई फ्लू के चपेट में आए हैं. जबकि, 9% लोगों के घर में केवल एक व्यक्ति ही इस बीमारी के चपेट में हैं. जानकारी के लिए बता दें कि, ये सारे आंकड़े LocalCircles के सर्वे से लिया गया है.
बच्चों में ज्यादा फैलने की आशंका
चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में बच्चों में आई फ्लू होने की आशंका अधिक होती है, क्योंकि वे बड़ों की तुलना में शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव होते हैं और ज्यादातर समय समूहों में रहते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को सतर्क रहने की जरूरत है. आई फ्लू कई तरह के होते हैं. यह रोग बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण भी हो सकता है. अभी जिस संक्रामक रोग का शिकार लोग हो रहे हैं, वह काफी तेजी से फैलने वाला है. आंखों में लालिमा, खुजली, चिपचिपापन और सूजी हुई पलकें, इस रोग के लक्षण हैं. वायरल संक्रमण में दवा या आई ड्रॉप से तुरंत राहत नहीं मिलती है. इसे ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है.
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