Delhi की सड़कों पर 40% ई-रिक्शा अवैध, केंद्र का इससे भी किफायती योजना लाने पर जोर
Delhi E-Rickshaws News: दिल्ली परिवहन सचिव कुंद्रा ने यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जारी किए गए चालान की संख्या के साथ बीमा प्रीमियम को जोड़ने की आवश्यकता का सुझाव दिया.
Delhi News: दिल्ली सड़कों पर ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या और लोगों की सुरक्षा विषय पर गंभीर चिंता जताते हुए दिल्ली परिवहन सचिव आशीष कुंद्रा ने कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए इनसे भी ज्यादा किफायती साधनों के संचालन की रूपरेखा पर फिर से विचार करने की जरूरत है. उन्होंने एक गैर-लाभकारी संगठन और विश्व बैंक द्वारा तैयार किए गए एक अध्ययन सेवलाइफ फाउंडेशन द्वारा भारत में सड़क सुरक्षा- अच्छी प्रथाओं की लॉन्चिंग पर बोलते हुए कहा कि प्रमुख सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने की इजाजत नहीं है.
ब्लैकस्पॉट ठीक करने की जरूरत
इसके बावजूद दिल्ली के मुख्य मार्गों पर भी बेधड़क ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं. इनमें से काफी संख्या में ई-रिक्शा परिवहन विभाग में पंजीकृत तक नहीं हैं. इस मामले के विशेषज्ञों ने दिल्ली में ब्लैकस्पॉट को ठीक करने पर तेजी से कार्य करने और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त कैशलेस चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता का सुझाव दिया.
ई-रिक्शा को बीमा प्रीमियम से जोड़ने की वकालत
दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षित आवागमन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कहा कि इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं. तय योजना पर प्रभावी अमल की जरूरत है. दिल्ली परिवहन सचिव कुंद्रा ने यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जारी किए गए चालान की संख्या के साथ बीमा प्रीमियम को जोड़ने की आवश्यकता का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ट्रैफिक चालान का एक निश्चित हिस्सा सीधे राजकोष में जाने के बजाय सड़क सुरक्षा गतिविधियों में उपयोग के लिए एक प्रणाली विकसित की जा सकती है.
अवैध ई-रिक्शा 40%
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों नेदिल्ली में ब्लैकस्पॉट को ठीक करने और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त कैशलेस चिकित्सा देखभाल पर तेजी से काम करने की आवश्यकता का सुझाव दिया. अतिरिक्त सचिव (परिवहन) महमूद अहमद ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय कैशलेस योजना पर काम कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक गैर पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या लगभग 40 प्रतिशत है.
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में 53 फीसदी का इजाफा
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल ई-रिक्शा द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में 53% की वृद्धि हुई है. इसी तरह अवरोधक या अनुचित पार्किंग के मामलों में भी भारी वृद्धि हुई है. प्रतिबंधित सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शा की संख्या भी काफी बढ़ गई है. देश की किसी भी शहरों से दिल्ली में ई-रिक्शा की संख्या कई गुना ज्यादा है.