Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था (Delhi Education Model) को लेकर आप सरकार के दावों के उलट स्थिति बहुत खराब है. इस बात का खुलासा दो अगस्त को राज्यसभा में उस समय हुआ, जब एक सांसद की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अनपूर्णा देवी ने सदन के पटल पर रखा. वर्तमान में दिल्ली सरकार (Delhi Government School) के स्कूलों में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक शिक्षकों के कुल 5883 पद खाली हैं.


दरअसल, सांसद फूलो देवी नेतम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पूछा था देश के अलग-अलग राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक शिक्षकों के कितने पद खाली है. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से तीन सवाल किए थे. इनमें पहला सवाल यह था कि वर्ष  2020, 2021 और 2022 में हर राज्य द्वारा कक्षा 1 से 8 के लिए स्कूल शिक्षकों की कुल कितनी संख्या स्वीकृति की गई. दूसरा सवाल यह पूछा था कि साल 2020, 2021 और 2022 में कक्षा 1 से 8 के लिए शिक्षकों के कितने पद भरे गए. उनका तीसरा सवाल यह था कि साल 2020, 2021 और 2022 में कक्षा 1 से 8 के लिए शिक्षकों के खाली पदों की संख्या क्या है? 


सांसद फूलो देवी नेतम के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि दिल्ली में आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों के 5883 पद खाली हैं. यह जवाब केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने दो अगस्त को राज्यसभा में दिया. उन्होंने सांसद के सवालों का जवा​ब देते हुए पूछा कि साल 2022-23 में कक्षा आठवीं तक शिक्षकों के स्वीकृत पद 46,671 हैं. शिक्षकों के भरे हुए पदों की 40,788 है. जबकि खाली पदों की संख्या 5,883 हैं. साल 2021-21 में खाली पदों की 3,782 और 2020-21 में खाली पदों की संख्या 4,288 थी. 


सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 16,546 पद खाली


इससे पहले पहले दिल्ली डायक्टोरेट ऑफ एजुकेशन ने दिल्ली हाईकोर्ट को मार्च 2023 में बताया था कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षक के 16,546 पद खाली हैं, जिसमें 3 पद लाइब्रेरियन के हैं. डीओई ने बताया कि कक्षा 10वीं तक पढ़ाने वाले टीजीटी के खाली पदों की संख्या 10,956 है. जबकि पीजीटी के खाली पदों की संख्या 638 है. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर एक सोशल एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि आप सरकार शिक्षकों के खाली पद भरने को लेकर गंभीर नहीं है. याची के इस आरोप को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मनप्रीत अरोड़ा ने डीओई को 4 हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा था. हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि तय समय में जवाब दाखिल नहीं किया गया तो 25 हजार रुपये जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा.


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