Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स में कोविड, डेंगू, मलेरिया, एच1एन1 वायरस, मंकीपॉक्स, इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों के इलाज के लिए एक स्पेशल ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.एम्स के अधिकारियों ने कहा कि जिस प्रकार से आए दिन नए-नए वायरस और इससे होने वाली बीमारियां सामने आ रही हैं, उससे निपटने के लिए अब एम्स सहित पूरे देश में ऐसे 10-12 स्पेशल ब्लॉक बनाए जाएंगे, जहां पर संक्रमण से संबंधित मरीजों का इलाज हो सकेगा.


स्वास्थ्य मंत्रालय की भागीदारी से हो रहा प्रोजेक्ट पर काम
दिल्ली एम्स और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. प्रोजेक्ट को क्लिनिक केयर एंड इन्फेक्शियस डिजीज ब्लॉक नाम दिया गया है, जो एम्स ट्रॉमा सेंटर परिसर में बनाया जाएगा. सूत्रों की मानें तो प्रोजेक्ट का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है. इसकी निर्माण लागत पर 210 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. प्रोजेक्ट के लिए एम्स दिल्ली अपने बजट से 95 करोड़ रुपए देगा, जिसका इस्तेमाल उपकरण खरीने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा बाकी की राशि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी जाएगी, जिसका इस्तेमाल ब्लॉक के निर्माण और अन्य कार्यों पर किया जाएगा.


एक ही छत के नीचे मिलेंगी ये सारी सुविधाएं


इस पूरे मामले पर एम्स के डॉक्टर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में वायरस जनित रोग काफी बढ़ गए हैं. एच1एन1 वायरस के बाद जिस प्रकास से कोरोना ने पूरे देश में दहशत फैलाई उसे देखते हुए संक्रमण रोगों के लिए एक अलग से वॉर्ड बनाने की जरूरत महसूस हुई है. एक अलग से ब्लॉक न होने की वजह से एम्स को अपने स्पेशल ब्लॉक ट्रॉमा सेंटर को कोविड वार्ड बनाना पड़ा, इससे ट्रॉमा व एक्सिडेंट के मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ. लगभग सालभर तक इन मरीजों के इलाज में काफी परेशानी हुई. इसी को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने 10 से 12 स्पेशल ब्लॉक बनाने का फैसला किया है, ताकि वायरस की जांच, अनुसंधान और संक्रमित मरीज को एक ही छत के नीचे इलाज मिल सके.


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