Aahar Mela In Delhi: ऐसे अनेक प्रमाण हैं, जो साबित करते हैं कि भारतीय खानपान काफी पौष्टिक, शुद्ध और स्वादिष्ट होते हैं. समय बदलने के बाद भी उन्हें दुनिया में वह ऊंचा मुकाम नहीं मिल सका, जो मिलना चाहिए. भारतीय व्यंजनों को बनाने के विधिवत तरीके और पौष्टिकता दूसरे देशों के खानपान से बिल्कुल अलग मानी जाती है, लेकिन चाइनीज, फ्रेंच, इटालियन और यूरोपीय देशों के व्यंजनों की लोकप्रियता सबसे अधिक आज देखी जा रही है. लगभग हर दिन उस खानपान को चाव से खाना लोग पसंद भी करते हैं. बीते दिनों दिल्ली के प्रगति मैदान (Pragati Maidan) में हुए आहार मेले के आयोजन में होटल-रेस्टोरेंट्स उद्योग से जुड़े लोगों के बीच चर्चा के माध्यम से यह बातें सामने निकल कर आई कि भारतीय व्यंजनों को वह पहचान अब तक नहीं मिल सकी, जिसके वो हकदार हैं.


प्रगति मैदान में हुए आहार मेले के आयोजन में देश के जाने-माने होटल रेस्टोरेंट और फूड एसोसिएशन से जुड़े लोग पहुंचे, जहां इस उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय व्यंजनों को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उसे पहचान दिलाने के विषय में सार्थक चर्चा हुई. एक रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 5 व्यंजनों में प्रथम स्थान पर फ्रेंच फूड है, जबकि स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हुए भी भारतीय व्यंजन पांचवें स्थान पर है.


होटल उद्योग से जुड़े लोगों ने क्या कहा?


इस आहार मेले में पहुंचे अनेक होटल उद्योग से जुड़े हुए लोगों ने कहा कि अच्छे प्रचार-प्रसार न होने की वजह से आज भारतीय व्यंजनों को विश्व पटल पर वो ऊंचा मुकाम नहीं मिल सका, जिसके ये हकदार हैं, जबकि भारतीय व्यंजन देश दुनिया के अनेक खान-पान के प्रतियोगिताओं में अक्सर अव्वल स्थान प्राप्त करते हैं.


सरकार से भी मदद की गुहार


होटल उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार से भी यह अपील की है कि विश्व पटल पर भारतीय व्यंजनों को प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए. वैसे इस दौर में भारत के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी रेस्टोरेंट्स और खाने-पीने की दुकान बहुत तेजी से खुल रहे हैं और अगर इसे दूसरे देशों में भी अच्छी पहचान मिले तो भारत का गौरव बढ़ने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति में भी काफी मजबूती मिलेगी.


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