Delhi Pollution: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर सियासत जारी है. इस बीच दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना में डुबकी लगाई. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के यमुना में डुबकी लगाने को कांग्रेस ने चुनावी स्टंट बताया है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि गंभीर वायु और जल प्रदूषण से जनता का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, वहीं आतिशी, गोपाल राय और बीजेपी नेताओं में फोटो खिंचवाने की होड़ लगी हुई है.
देवेंद्र यादव ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह फेल आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय वायु और जल प्रदूषण के खतरनाक स्तर को कम करने और प्रदूषण नियंत्रित करने की जगह अपनी जिम्मेदारियों से भागते नजर आ रहे है.
उन्होंने कहा, ''अक्टूबर माह में जहां अभी मौसम में पूरी तरह नमी नहीं आई है, परंतु राजधानी में दमघोटू प्रदूषण का स्तर दिसम्बर की सर्दियों वाला बन रहा है और यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण पानी जहरीला हो गया है.''
अस्पताल पहुंचे वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार पर 8500 करोड़ रुपये के यमुना सफाई घोटाले का आरोप लगाते हुए यमुना में डुबकी लगाई थी. इस दौरान उन्होंने दिल्ली सरकार की गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना की थी. दोपहर बाद से सचदेवा की स्किन पर रैशिस, खुजली और सांस लेने में तकलीफ हुई. ये समस्या होने पर वो राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच करने के बाद उन्हें तीन दिनों की दवा दी है.
'दिल्ली की जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी'
देवेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का यमुना में डुबकी लगाना महज एक चुनावी स्टंट रहा. दिल्ली की जनता इनकी करनी और कथनी का अंतर समझ चुकी है. अब चाहे कितनी भी यह फोटो खिंचवा लें जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी.
देवेंद्र यादव ने कहा कि यमुना में प्रदूषित जल के लिए मुख्यतः दिल्ली के नालों असंशोधित जल यमुना में सीधे गिरने से यमुना जहरीली हो रही है. इसके प्रमाण दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने सफाई पर अपनी नवीनतम प्रगति रिपोर्ट में कहा है कि दिसंबर 2022 में राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं के भीतर कुल 171 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) सीवेज अनुपचारित रूप में यमुना में गिरता है.
जनवरी 2023 में सार्वजनिक हुई प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में उत्पन्न 768 एमजीडी सीवेज जो राजधानी की कुल जल आपूर्ति का 80 प्रतिशत है, जो शहर में मौजूदा 37 सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) में केवल 597 एमजीडी का उपचार करने की क्षमता है. जिसके परिणामस्वरूप 171 एमजीडी सीवेज अनुपचारित हो रहा है, वर्तमान में भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है.
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