आम आदमी पार्टी ने फैसला किया है कि वो दिल्ली विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी. पार्टी के सीनियर नेता गोपाल राय ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था. विधानसभा चुनाव हम अकेले लड़ेंगे. पार्टी ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं.


बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ा. दिल्ली के अलावा गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी लोकसभा चुनाव के गठबंधन हुआ. दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. पंजाब में पार्टी अकेले चुनाव लड़ी. वहां आप को तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई.


आप विधायकों को टास्क!


इसके साथ ही गोपाल राय ने कहा, "आज विधायकों के साथ मीटिंग हुई है. परसों सभी पार्षदों के साथ बैठक होगी और 13 जून को दिल्ली के सभी कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी बैठक होगी. आचार संहिता के कारण विकास कार्य रुके हुए थे. फैसला हुआ है कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को विधायक अपने इलाक़ों में विकास कार्यों को लेकर काम करेंगे."


'पूरी ताकत से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव'


आप के मंत्री ने कहा, "ये बहुत पहले से साफ है कि ये अलायंस लोकसभा चुनाव के लिए था. लोकसभा चुनाव हमने ईमानदारी से मिलकर लड़ा है. दिल्ली विधानसभा का जो चुनाव है उसके लिए कोई गठबंधन नहीं है. दिल्ली के अंदर दिल्ली की जनता के साथ मिलकर हम इस लड़ाई को लड़ेंगे और जीतेंगे. आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी."


आम आदमी पार्टी का वोट शेयर


दिल्ली में आप का वोट शेयर 24.17 रहा. पंजाब में आप का वोट शेयर 26.02 रहा. हरियाणा में पार्टी का वोट शेयर 3.94 रहा. गुजरात में आप का वोट शेयर 2.69 फीसदी रहा.


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