Delhi: दिल्ली में गुरूवार (8 फरवरी) को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) धरना देने जा रहे हैं. केंद्र सरकार की नीतियों और केरल के साथ भेदभाव को लेकर ये धरना है. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी जंतर मंतर पर होने वाले सीएम पिनराई विजयन के धरने में शामिल होंगे. सीएम केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी जंतर मंतर पर होने वाले धरने में हिस्सा लेंगे.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का मानना है कि बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार केरल के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार गैर-एनडीए राज्यों की अनदेखी कर देश को कमजोर करने में लगी है. विरोध प्रदर्शन से पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि धरने का मकसद संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है.
केरल सीएम का क्या है आरोप?
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि उनकी सरकार राज्यों के अस्तित्व बचाने और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए गुरुवार को नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेगी. उन्होंने आगे कहा-“इस संघर्ष का उद्देश्य किसी पर विजय प्राप्त करना नहीं है, बल्कि आत्मसमर्पण करने के बजाय वो हासिल करना है जिसके हम हकदार हैं. हमें भरोसा है कि पूरा देश इस विरोध के समर्थन में केरल के साथ खड़ा होगा''.
पिनराई विजयन की क्या है मांग?
बताया जा रहा है कि केरल के सीएम पी विजयन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के पूरे मंत्रिमंडल के साथ प्रदर्शन करेंगे. उनकी मांग है केंद्र संविधान के नियमों के मुताबिक राज्य को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए. लेफ्ट ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई मित्र दलों को इस धरने में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.
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