Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 अब कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में दिल्ली की सियासत में हलचल देखी जा रही है. सभी पार्टियां चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए लगातार मेगा प्लान बना रही हैं. तो वहीं दिल्ली की राजनीति में दांव-पेंच देखने को मिल रहे हैं, जहां तीनों प्रमुख राजनीतिक दल अपने विरोधी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने और अपना वोट-बैंक बढ़ाने के लिए इस दल-बदल के खेल को खुल कर खेल रहे हैं. जिसमें कभी कांग्रेस, कभी आम आदमी पार्टी तो कभी बीजेपी एक-दूसरे को झटका देते रहते हैं.
इसी कड़ी में बीजेपी (BJP) ने लोकसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका देते हुए पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के आप अध्यक्ष को उनके सैकड़ों समर्थकों के साथ अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. इसके अलावा कांग्रेस और बसपा (BSP) के साथ कई व्यापारी नेताओं को भी बीजेपी ने कमल के दल में शामिल किया है. इनमें सबसे बड़ा नाम, पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन का है.
AAP, BSP और कांग्रेस के नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन
इनके अलावा आप के व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता अशोक कुमार अग्रवाल, मंगोलपुरी विधानसभा के चुनाव प्रमुख प्रिंस, बहुजन समाज पार्टी की बदरपुर से चुनाव प्रत्याशी रेखा चौहान, बदरपुर के कांग्रेस नेता अनिल कुमार जाटव के साथ बवाना चेंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राज जैन अपने सैकड़ों समर्थकों समेत दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के दिल्ली बीजेपी में अन्य दलों से प्रवेश समिति के संयोजक रामवीर सिंह बिधूड़ी और सह संयोजक आरती मेहरा और हर्ष मल्होत्रा की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. सचदेवा ने पार्टी का पटका पहनाकर उन सभी को पार्टी में शामिल किया.
इस मौके पर वीरेन्द्र सचदेवा ने सभी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के भ्रष्टाचार और उनकी भ्रष्टाचारी सोच के कारण आज उनके ही दल के लोग ग्रसित हैं. आप के साथ रहने के दौरान ठगा हुआ महसूस होने पर लोग एक नए परिवर्तन की सोच के साथ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. बता दें कि, बीजेपी में शामिल हुए बवाना चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राज जैन बवाना की 14 व्यापारिक एसोसिएशनों के अध्यक्षों के साथ बीजेपी में शामिल हुए. बवाना इंडस्ट्रियल क्षेत्र के अंतर्गत 17000 यूनिट है, जिसमें लगभग 3 लाख से ज्यादा मजदूर और ट्रांसपोर्ट आदि हैं. जिससे लोकसभा चुनावों में बीजपी को काफी फायदा मिलता नजर आ रहा है.
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