Delhi News: दिल्ली में आज (शनिवार) नई सरकार का गठन हो गया है. सरकार की अगुवाई शिक्षा मंत्री रहीं आतिशी करेंगी. राज निवास में आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पांच अन्य विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी. आतिशी की कैबिनेट में एक नये चेहरे को मौका मिला है. चार मंत्री केजरीवाल कैबिनेट के रिपीट हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट सुल्तानपुरी से जीते मुकेश अहलावत को मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी. मुकेश अहलावत ने आतिशी कैबिनेट में राजकुमार आनंद की जगह ली है.
गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन का मंत्री पद बरकरार रखा गाय है. आप की सरकार में अरविंद केजरीवाल पहली बार हिस्सा नहीं होंगे. पार्टी में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सरकार से बाहर रहेंगे. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने लगातार तीन बार सरकार बनाई है. पहली बार सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने बाहर से आप को समर्थन दिया था.
अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. महज 49 दिन तक सरकार चलाने के बाद उन्होंने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया. 2015 के अगले विधानसभा चुनाव में आप ने प्रचंड बहुमत से जीतकर अकेले दम पर सरकार बनाई. ऐसे में कब कैसा रहा दिल्ली सरकार का मंत्रिमंडल और कौन-कौन रहे मंत्री?
कैसा रहा आप सरकार का सफर?
अन्ना आंदोलन से निकले अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की स्थापना की. अरविंद केजरीवाल को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक और अध्यक्ष बनाया गया. आप 2013 के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी. 28 सीटों पर जीत दर्ज कर आप दूसरे नम्बर की पार्टी बन गयी. बीजेपी आप से महज तीन सीट अधिक जीतकर 31 पर सिमट गयी. कांग्रेस को आठ, शिरोमणि अकाली दल, बसपा और जदयू को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ा.
इस तरह से बीजेपी और आप दोनों बहुमत से दूर रहे. बहुमत न होने पर बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. ऐसे में कांग्रेस ने आप को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की. आप ने पहली बार दिल्ली में सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने. छह अन्य विधायकों मनीष सिसोदिया, गिरीश सोनी, राखी बिड़लान, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पास गृह, वित्त, ऊर्जा, सतर्कता, योजना और सेवा विभाग रखे.
पत्रकार से नेता बने मनीष सिसोदिया को शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन विभागों का प्रभार दिया गया. आईआईटी से स्नातक सोमनाथ भारती को प्रशासनिक सुधार, कानून, पर्यटन और संस्कृति का प्रभार मिला. केजरीवाल की कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री राखी बिड़लान ने समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास तथा भाषा विभाग संभाला. गिरीश सोनी को श्रम, विकास कौशल विकास और एससी-एसटी विभागों का प्रभार दिया गया.
सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य, उद्योग और गुरुद्वारा चुनाव विभाग दिए गए. कंप्यूटर साइंस में बीटेक सौरभ भारद्वाज को खाद्य एवं आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण, चुनाव और सामान्य प्रशासन विभाग का मंत्री बनाया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार महज 49 दिन तक चली. फरवरी 2014 में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार गिरा दी. अगले साल 2015 में विधानसभा चुनाव हुए. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से वापसी की. आप को दिल्ली की 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत मिली. बाकी तीन सीटें बीजेपी के खाते में गईं.
आप संयोजक केजरीवाल ने 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. केजरीवाल के साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. पिछली सरकार के दौरान विवादों में घिरे दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़लान को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. केजरीवाल की टीम में दूसरे सबसे बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया को पहली बार उपमुख्यमंत्री का पद मिला. आप की सरकार में केजरीवाल ने कोई विभाग अपने पास नहीं रखा. सिसोदिया को वित्त एवं योजना, राजस्व, सेवाएं, बिजली, शिक्षा, उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा, प्रशासनिक सुधार जैसे भारी भरकम प्रभार दिए गए.
शहरी विकास, भूमि एवं भवन, सतर्कता विभाग का प्रभार भी उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को दिया गया. गोपाल राय को रोजगार, विकास, श्रम, परिवहन और सामान्य प्रशासन विभाग आवंटित किए गए. पिछली आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को बिजली, स्वास्थ्य, उद्योग, गुरुद्वारा प्रबंधन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, लोक निर्माण विभाग का जिम्मा मिला. महिला एवं बाल कल्याण, समाज कल्याण, भाषा तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग संदीप कुमार को दिए गये. जितेन्द्र सिंह तोमर ने गृह, विधि एवं न्याय, पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभागों की जिम्मेदारी संभाली. असीम अहमद खान को खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण एवं वन तथा चुनाव विभाग आवंटित किए गए.
आम आदमी पार्टी की दूसरी सरकार पूरे पांच साल चली. फरवरी 2020 में विधानसभा चुनाव कराये गये. चुनाव में एक बार फिर आप ने प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की. इस बार आप को दिल्ली की 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली. बाकी आठ सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. 16 फरवरी 2020 को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभाली. केजरीवाल के साथ छह मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजेंद्र गौतम ने भी शपथ ली. मनीष सिसोदिया दुबारा दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने.
कैबिनेट में किसी महिला को जगह नहीं मिली. अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर अपने पास कोई विभाग नहीं रखा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पर्यटन, शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि एवं भवन, सतर्कता, सेवा विभाग मिले. सत्येंद्र जैन के हिस्से में स्वास्थ्य, उद्योग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत, गृह, शहरी विकास विभाग आए. गोपाल राय ने पर्यावरण, रोजगार, विकास, श्रम, सामान्य प्रशासन विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग संभाला. तीन नए मंत्रियों राजेंद्र पाल को महिला एवं बाल कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव, जल, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग मिले.
2022 में सत्येंद्र जैन हुए गिरफ्तार
इमरान हुसैन को खाद्य एवं आपूर्ति, चुनाव का विभाग का प्रभार दिया गया. कैलाश गहलोत को प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कानून, न्याय एवं विधायी मामले, परिवहन, राजस्व, वन एवं वन्यजीव विभाग मिले. केजरीवाल सरकार का तीसरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा. कई मंत्रियों के जेल जाने की चुनैतियों का भी सामना करना पड़ा. मई 2022 में ईडी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया.
अगली बारी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की थी. मार्च 2023 में ईडी ने शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. फरवरी 2023 के अंत में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. मार्च 2023 में आप सरकार ने कैबिनेट विस्तार कर दो विधायकों सौरभ भारद्वाज और आतिशी को जगह दी. सौरभ को स्वास्थ्य और आतिशी को शिक्षा के साथ कई अहम विभागों का प्रभार मिला. कुछ विभागों में फेरबदल भी किए गए. आप सरकार की चुनौतियां खत्म नहीं हुईं.
आतिशी के जिम्मे सत्ता की बागडोर
लोकसभा 2024 के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी कथित शराब घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा. प्रचार के लिए केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आये. जमानत की अवधि पूरी होने के बाद अरविंद केजरीवाल को फिर जेल जाना पड़ा. जेल जाने के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया. इस बार सशर्त जमानत पर केजरीवाल जेल से बाहर आये. बाहर आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गयी हैं.
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