Delhi News: दिल्ली सरकार ने 7 अगस्त 2020 को मौजूदा ई-व्हीकल पॉलिसी को लॉन्च किया था. यह पॉलिसी तीन वर्षों के लिए बनाई गई थी, जिसकी मियाद अब खत्म हो चुकी है. हालांकि, अब तक नई ई-व्हीकल पॉलिसी के न बन पाने की कारण पुरानी ई-व्हीकल पॉलिसी को अगले एक महीने के लिए जारी रखा जा रहा है. दिल्ली सरकार ने यह फैसला नई पॉलिसी को अंतिम रूप न दे पाने के कारण लिया है. अगर आप राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना चाहते हैं तो तुरंत खरीदें, क्योंकि दिल्ली सरकार ईवी पर जारी सब्सिडी नई पॉलिसी के तहत बंद हो सकती है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एबीपी लाईव की टीम से बातचीत में बताया कि सरकार नई ई-व्हीकल पॉलिसी को जनता और विशेषज्ञों समेत अन्य सभी स्टेक होल्डर्स से बातचीत के बाद बनाएगी. सरकार ई-व्हीकल पॉलिसी के दूसरे चरण को और प्रोग्रेसिव बनाना चाहती है. इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स से सुझाव भी लिए जा चुके हैं. ड्राफ्ट के फाईनल होने के बाद इसे पब्लिक डोमेन में सुझावों के लिए डाला जाएगा. इसके बाद ही नई ई-व्हीकल पॉलिसी 2.0 को लागू किया जाएगा.
नई पॉलिसी में EV पर जोर
दिल्ली में वर्तमान में 1.64 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं. वहीं नई ई-व्हीकल पॉलिसी के माध्यम से इसे और बढ़ावा देना चाहती है, इसके लिए सरकार नई पॉलिसी में सब्सिडी से जुड़ी नई घोषणाएं कर सकती है. इससे पहले वाली पॉलिसी में दिल्ली सरकार ने अलग-अलग श्रेणी में 1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी थी. दोपहिया वाहनों पर 5000 रुपये किलोवाट की सब्सिडी थी, जो अधिकतम 30 हजार रुपये थी. इसी प्रकार चार पहिया इलेक्ट्रिक कार पर 10 हजार रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी थी, जो अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक थी. इसके अलावा ई-रिक्शा पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जा रही थी.
प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने देश की राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और लगातार बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से अगस्त 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू किया था. 7 अगस्त 2023 को इस नीति के 3 साल पूरे हो गए. ईवी नीति के तहत राजधानी दिल्ली के ग्राहकों को आप सरकार ने सब्सिडी देने के साथ दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का भी जोरशोर से काम शुरू किया था. व्यावसायिक और निजी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैप स्टेशन भी खोले गए थे, जिसके चलते बिक्री में भी तेजी आई. वर्तमान में दिल्ली में कुल वाहनों की बिक्री में ई-वाहनों की हिस्सेदारी की बात करें तो यह 15 से 20% के करीब है. ईवी वाहनों के इस औसत को दिल्ली सरकार और बढ़ाना चाहती है.