Arvind Kejriwal Bail: CM अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दिलीप पांडे की प्रतिक्रिया, 'सुप्रीम कोर्ट ने भी ED...'
Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आप नेता दिलीप पांडे ने स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है.
Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को आबकारी नीति मामले में ईडी के केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. केजरीवाल की जमानत पर आम आदमी पार्टी (AAP) में खुशी का माहौल है. आप नेता दिलीप पांडे (Dilip Pandey) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ''सबको बधाई, पहले लोअर कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी के फ़र्ज़ी केस में अरविंद केजरीवाल जी को दी जमानत, बीजेपी का षडयंत्र है ईडी का पूरा केस.''
सीएम केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह निर्वाचित नेता हैं और यह तय करना उनका काम है कि वह दिल्ली का सीएम बने रहना चाहते हैं या नहीं. सीएम केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिली है. उन्हें ईडी के मामले में जमानत मिली है लेकिन उन्हें सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था लिहाजा वह अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे. उन्हें सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था.
सबको बधाई, पहले लोअर कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी के फ़र्ज़ी केस में @ArvindKejriwal जी को दी ज़मानत. भाजपा का षड़यंत्र है ईडी का पूरा केस.#सत्येमेव_जयते
— Dilip K. Pandey - दिलीप पाण्डेय (@dilipkpandey) July 12, 2024
अभी तिहाड़ में ही रहेंगे केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी लेकिन उनकी जमानत पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. क्योंकि ईडी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस बीच सीएम केजरीवाल को सीबीआई ने भी गिरफ्तार कर लिया. ऐसे में ईडी के मामले में जमानत मिलने के बाद भी उन्हें जेल में रहना होगा.
सीएम केजरीवाल के मामले में दाखिल हैं अलग-अलग याचिकाएं
दिल्ली के सीएम को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए भी अंतरिम जमानत दी गई थी. आखिरी चरण के मतदान के अगले दिन उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. सीएम केजरीवाल के मामले में अलग-अलग याचिकाएं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं. जिनमें गिरफ्तारी को चुनौती देना और वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात की मांग का मामला शामिल है.