Delhi: 'दिल्ली का दुश्मन...', मंत्री सौरभ भारद्वाज का LG-BJP पर बड़ा आरोप, कर दी ये मांग
Delhi Politics: दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बिना अनुमति के पेड़ काटे गए हैं. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना पेड़ काटे जाने वाले स्थान पर 3 फरवरी 2024 को गए थे.
Delhi Politics News: दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने एक बार फिर से पेड़ कटवाने को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना और बीजेपी पर निशाना साधा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी को मीडिया के सामने आना चाहिए. दिल्ली की जनता उनसे जबाव मांग रही है. एलजी ने दिल्ली को गुमराह किया. एलजी और बीजेपी ने पेड़ को कटवाया.
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि दिल्ली का दुश्मन एलजी और बीजेपी है. एलजी ने दिल्ली में पेड़ कटवाया है. एलजी को पद से इस्तीफा देना चाहिए.
दरअसल, दिल्ली सरकार ने एक बार फिर दिल्ली में 1,100 से अधिक पेड़ काटे जाने का मुद्दा उठाया है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को आरोप लगाया था कि ये पेड़ बिना अनुमति के काटे गए हैं. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना पेड़ काटे जाने वाले स्थान पर 3 फरवरी 2024 को गए थे. भारद्वाज ने उपराज्यपाल से इस विषय पर एक प्रेस कांफ्रेंस करके दिल्ली की जनता को जानकारी देने की अपील की.
एलजी के कहने पर सड़क की गई चौड़ी
आप नेता ने दावा किया कि सड़क चौड़ी करने के लिए बिना किसी अनुमति के ये पेड़ काटे गए. उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के कहने पर सड़क चौड़ी की गई. उन्होंने प्रश्न किया कि क्या अधिकारियों ने भी उपराज्यपाल को यह जानकारी नहीं दी कि बिना अनुमति पेड़ नहीं काटे जा सकते. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि उपराज्यपाल को गुमराह करके पेड़ काटे गए तो ऐसे में दिल्ली के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि आज दिल्ली की पूरी की पूरी अफसरशाही गिरवी रख दी गई है. दिल्ली में जो जरूरत के कार्य हैं वह नहीं किया जा रहे हैं. जल बोर्ड के काम नहीं किया जा रहे हैं, अस्पतालों के लिए दवाइयों की खरीद नहीं की जा रही है. मोहल्ला क्लीनिक में तनख्वाह नहीं दी जा रही. इस बीच, रविवार को आम आदमी पार्टी के कुछ निगम पार्षद और अन्य नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. इस संबंध में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश में डर का माहौल है. बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी नतमस्तक हैं, तो ऐसे में निगम पार्षदों का क्या है.