वसूली मामले में जमानत मिलते ही फिर गिरफ्तार हुए AAP विधायक नरेश बालियान, जानें अब क्या है नया मामला
Naresh Balyan News: कोर्ट ने वसूली के मामले में नरेश बालियान को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Naresh Balyan Gets Bail: आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान को जैसे ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक मामले में जमानत दी, वैसे ही उन्हें पुलिस ने दूसरे केस में गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, वसूली मामले में अरेस्ट किए गए आप विधायक को कोर्ट ने 50 हजार रुपये की निजी मुचलके पर बेल का आदेश दिया था. हालांकि, इसके कुछ समय बाद ही मकोका मामले में पुलिस ने उन्हें जेल से ही फिर अरेस्ट किया. ऐसे में विधायक को बाहर आने का मौका नहीं मिला.
गौरतलब है कि वसूली मामले में नरेश बालियान को 30 नवंबर को पुलिस ने अरेस्ट किया था. इसी मामले में बीते बुधवार (27 नवंबर) को भी कोर्ट में सुनवाई हुई थी, तब आदलत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. पुलिस ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बेल दे दी. इसके बाद पुलिस ने एक और केस में नरेश बालियान को पकड़ लिया है. ऐसा कहा जा सकता है कि नरेश बालियान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं.
नरेश बालियान के वकील ने क्या कहा?
मकोका में गिरफ्तार किए जाने पर आप विधायक के वकील की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बताया कि नरेश बालियान के पक्ष को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. वकील ने कहा, "हमें अभी तक कोई कागजात नहीं मिले हैं. हमें कुछ नहीं बताया गया. मकोका टेक्निकल एक्ट है. आप किसी के भी ऊपर मकोका नहीं लगा सकते. चार्जशीटेड व्यक्ति पर मकोका लगाया जाता है. पुलिस के पास साबित करने के लिए कुछ नहीं है."
वकील का कहना है कि नरेश बालियान के खिलाफ प्लानिंग और प्लॉटिंग चल रही है. यह केवल कस्टडी में रखने का बहाना है. हमें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. अभी तक न्याय मिला है, आगे भी न्याय की उम्मीद रहेगी."
पहले मकोका साबित करना होगा- नरेश बालियान के वकील
वकील का कहना है, "हो सकता है कि कोर्ट कह दे कि आप मकोका कैसे लगा सकते हैं. उन्हें सबसे पहले कोर्ट के सामने मकोका साबित करना होगा. हम अभी तक अंधकार में हैं. हमें इस बारे में कुछ नहीं पता है."
मकोका एक्ट क्या है?
मकोका एक्ट महाराष्ट्र सरकार ने साल 1999 में बनाया था. इसका पूरा नाम 'महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट' है. मकोका का मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था. यह कानून महाराष्ट्र के साथ-साथ दिल्ली में भी लागू है. इस एक्ट के तहत अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली सहित वह सभी गैरकानूनी काम, जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जा सकते हैं, वह सभी शामिल हैं. अगर किसी पर मकोका लग जाए, तो उसे आसानी से जमानत नहीं मिल सकती.
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