'बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार कब होगा', AAP नेता राघव चड्ढा ने संसद में सरकार से पूछे सवाल
Delhi News: सांसद राघव चड्ढा ने बैंकों की खराब ग्राहक सेवा, ग्रामीण इलाकों में सीमित बैंकिंग सुविधाएं और बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने बैंकों की सुस्त टेक्नोलॉजी पर भी सवाल उठाए.

Delhi News: राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को संसद में बैंकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक आम लोगों का भरोसा खो रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद ने बैंकों की खराब ग्राहक सेवा, ग्रामीण इलाकों में सीमित बैंकिंग सुविधाएं और बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर सरकार को घेरा. बैंकों की तरफ से वसूले जा रहे छिपे शुल्कों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आम लोगों की गाढ़ी कमाई जानकारी दिए बिना काटी जा रही है. उन्होंने कहा, “मिनिमम बैलेंस चार्ज, एटीएम ट्रांजैक्शन फीस, एसएमएस अलर्ट शुल्क और स्टेटमेंट चार्ज जैसे कई शुल्कों के बारे में ग्राहकों को पहले से जानकारी नहीं दी जाती.”
राघव चड्ढा ने सरकार से पूछा कि बैंक किस आधार पर बिना ग्राहकों की सहमति के खाते से पैसे काट रहे हैं? उन्होंने बैंकों से जुड़े साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले क्यों दर्ज हो रहे हैं? राघव चड्ढा ने सवाल किया, “हमारे फोन नंबर और ईमेल मार्केटिंग कंपनियों के पास कैसे पहुंच जाते हैं? क्या बैंकों के डेटा लीक हो रहे हैं?” उन्होंने कहा कि ग्राहकों की निजी जानकारी सुरक्षित रखना बैंकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन हर दिन हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं.
'बैंकों की टेक्नोलॉजी आज भी पुरानी'
आप सांसद ने कहा, “आज हम सड़क किनारे खड़े होकर UPI से गोलगप्पे खरीद सकते हैं, लेकिन सरकारी बैंकों की टेक्नोलॉजी आज भी 90 के दशक में फंसी हुई है.” उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों की सुस्त टेक्नोलॉजी और डिजिटल बैंकिंग में पिछड़ापन के कारण लोग अब निजी बैंकों की ओर रुख कर रहे हैं. सरकारी बैंकों में डिजिटल सेवाओं को आधुनिक बनाने की सख्त जरूरत है. राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि सरकारी बैंक टारगेट पूरे करने के लिए ग्राहकों को जबरन बीमा और निवेश योजनाएं बेच रहे हैं.
राघव चड्ढा ने संसद में उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी ग्राहकों को भ्रमित कर ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं, जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती. आप सांसद ने सरकार से सवाल किया कि सरकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार कब होगा? उन्होंने कहा कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनता का विश्वास पूरी तरह खत्म हो जाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की कि छिपे चार्जेज को खत्म किया जाए. साइबर फ्रॉड रोकने के लिए कड़े कानून और सरकारी बैंकों को डिजिटल युग के अनुकूल बनाया जाए. उन्होंने सरकार से बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की. आप सांसद ने नारा दिया कि “बैंक जनता के लिए होते हैं, जनता बैंकों के लिए नहीं.”
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