Tree Cutting Controversy in Delhi: राजधानी दिल्ली के रिज इलाके में काटे गए पेड़ों को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच घमासान बढ़ता ही जा रहा है. दोनों की सियासी दल इसे लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. इसके लिए दोनों एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं.


जहां बीजेपी का आरोप है कि सीएम केजरीवाल के आदेश पर रिज इलाके में 1100 पेड़ काट दिए गए, वहीं आप ने बीजेपी को चुनौती दी है कि अगर उनके पास सीएम केजरीवाल की इजाजत पर पेड़ काटने के दस्तावेज हैं, तो वे उसे सुप्रीम कोर्ट के सामने रखें.


'दिल्ली में लगाए चार करोड़ पौधे' 


आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बीजेपी को सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की चुनौती देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बीते चार साल में दो करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए हैं. 


बीजेपी के एलजी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना अनुमति लिए रिज एरिया में हजारों पेड़ कटवा दिए. जिसके संज्ञान में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार बीजेपी के निर्देश पर काम कर रहे एलजी और अधिकारियों से लगातार जवाब मांग रही हैं, लेकिन सभी चुप बैठे हैं. 


प्रियंका कक्कड़ का आरोप है कि बीजेपी अब इसे लेकर राजनीति कर रही है. सीएम केजरीवाल के कहने पर इन पेड़ों को काटने का आरोप लगा रही है. एक झूठे दस्तावेज भी दिखा रही है. उन्होंने कहा कि रिज एरिया में पेड़ काटने की अनुमति केवल सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है. बीजेपी अपनी नौटंकी बंद करे और कोर्ट को अनुमति के कागज दिखाए.


एलजी के आदेश पर काटे गए 1100 पेड़ - कांग्रेस 


दिल्ली के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सतबरी ईको सेंसिटिव जोन भी इसी श्रेणी में आता है, जहां दिल्ली के एलजी के आदेश पर बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के 1100 पेड़ काटे गए. पेड़ काटने के बाद वो सुप्रीम कोर्ट से इसकी अनुमति लेने के लिए गए, जहां कोर्ट को पता चला कि ये पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं. तब कोर्ट एलजी और उनके निर्देश पर काम करने वाले अधिकारियों से जवाब मांग रहा है, जिससे बचने के लिए बीजेपी झूठे दस्तावेजों का दिखावा कर राजनीति कर रही है.


जनता को गुमराह न करे आप - बीजेपी 


दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि दस्तावेज स्पष्ट रूप से साबित करते हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने न केवल पेड़ काटने के प्रस्ताव को मंजूरी दी बल्कि एलजी को भी इसे हस्ताक्षरित करने के लिए मजबूर किया. कपूर ने कहा कि, "सभी दस्तावेज जो हमने जनता के साथ साझा किए हैं, उनमें आप सरकार के पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हैं. इस पर आप सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती."


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