(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले, 'राजनीतिक लोग धर्म में न घुसें...', अब संजय सिंह ने दी प्रतिक्रिया
Sanjay Singh News: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक लोगों को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. आप सांसद संजय सिंह ने इस बयान का समर्थन किया.
Sanjay Singh on Jyotirmath Shankaracharya Statement: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगलवार 16 जुलाई को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजनीतिक लोगों को धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उनका यह बयान तब आया जब महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने उनको लेकर कहा था कि 'वह शंकराचार्य हैं और उन्हें राजनीतिक भाषण नहीं देने चाहिए'. अब शंकराचार्य के बयान का आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने समर्थन किया है.
संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शंकराचार्य का वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, 'सत्य वचन... धर्म के लोगों को राजनीति पर नहीं बोलना चाहिए लेकिन राजनीति के लोगों को भी धर्म पर नहीं बोलना चाहिए.'
सत्य वचन।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 16, 2024
धर्म के लोगों को राजनीति पर नहीं बोलना चाहिए लेकिन राजनीति के लोगों को भी धर्म पर नहीं बोलना चाहिए।-शंकराचार्य जी pic.twitter.com/lTdE8llzgl
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सोमवार 15 जुलाई को ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य उद्धव ठाकरे से मिलने उनके आवास मातोश्री पहुंचे थे. वहां, उन्होंने ठाकरे परिवार को आशीर्वाद दिया और बाद में कहा कि शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ 'विश्वासघात' हुआ है. इस दावे के जरिए उनका इशारा एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओर हो सकता है.
उनके इस बयान पर शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य अगर धर्म पर कोई बयान दें, तो उनका स्वागत है लेकिन राजनीति से जुड़े विषयों पर उन्हें नहीं बोलना चाहिए, ये गलत है.
इसके बाद शंकराचार्य ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि धर्माचार्य को राजनीति के मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन फिर राजनीतिक लोगों को भी धर्म के मामले में बीच में नहीं आना चाहिए. ये बात दोनों पर लागू होनी चाहिए. इतना ही नहीं, शंकराचार्य ने अपने 'विश्वासघात' वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि यह हिन्दू होने का कर्तव्य है कि किसी के साथ छल न किया जाए. अगर कोई आपके साथ विश्वासघात करता है तो वो हिन्दू नहीं हो सकता. ये धर्म की बात है, राजनीति की नहीं.
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