UCC से पहले इस मुद्दे पर BJP का समर्थन कर चुकी AAP, विपक्षी एकजुटता की मीटिंग में भी मांगा गया था जवाब
Uniform Civil Code: यह पहली बार नहीं है जब आप ने बीजेपी का समर्थन किया है. इससे पहले सीएम केजरीवाल ने मोदी सरकार के एक और फैसले का समर्थन किया था, जिसपर उमर अब्दुल्ला ने अरविंद केजरीवल के घेरा था.
Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने समान नागरिक संहिता (UCC) का जिक्र छेड़कर देशभर में 'एक देश एक कानून' के मुद्दे पर बहस तेज कर दी है. कांग्रेस (Congress) समेत अधिकतर विपक्षी दल यूसीसी के खिलाफ बयान दे रहे हैं. इस बीच यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आम आदमी पार्टी (AAP) का भी बड़ा बयान सामने आया है.
'आर्टिकल 44 कहता है UCC होना चाहिए'
AAP का कहना है कि, 'सैद्धांतिक रूप से आम आदमी पार्टी यूसीसी का समर्थन करती है, लेकिन सभी धर्म संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए.' संदीप पाठक ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं. संविधान का आर्टिकल 44 भी इसका समर्थन करता है. आर्टिकल 44 कहता है कि UCC होना चाहिए, लेकिन ये मुद्दा सभी धर्म संप्रदाय से जुड़ा मुद्दा है, पर स्टेक होल्डर्स से आम सहमति बनानी चाहिए.
आर्टिकल 370 का किया था समर्थन
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं था जब AAP ने मोदी सराकर का समर्थन किया हो. इससे पहले सीएम केजरीवाल ने बीजेपी के अनुच्छेद 370 के फैसले का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि, पार्टी सरकार के फैसले के पक्ष में हैं और उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा. ये बात अलग है कि अरविंद केजरीवाल के उस फैसले पर नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पटना में हुई विपक्षी एकजुटता की बैठक के दौरान समर्थन करने के फैसले पर सफाई मांग ली थी.
हम सैद्धांतिक रूप से UCC के समर्थन में हैं क्योंकि Article 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए।
— AAP (@AamAadmiParty) June 28, 2023
कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन पर आप Reverse नहीं जा सकते हैं, ऐसे मुद्दे लागू करने से आपसे कई धर्मो, सम्प्रदाय के लोग नाराज़ हो सकते हैं
आप Authoritarian तरीक़े से इसे लागू नहीं… pic.twitter.com/RKXZvtsLVu
उमर अब्दुल्ला ने जताई थी नाराजगी
उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि, 'मैं बार-बार इन लोगों को याद दिलाता हूं कि ये लोग जरूरत पड़ने पर हमारे दरवाजे जरूर खटखटाते हैं, लेकिन 2019 में जब 370 हटाया गया तो ये लोग (केजरीवाल) किधर थे. उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र की हत्या पर ये (केजरीवाल) लोग चुप रहे. हमारा पूरी तरह से साथ सिर्फ टीएमसी, डीएमके और लेफ्ट की पार्टियों ने दिया. इनके अलावा हमारा साथ किसी ने नहीं दिया है.